श्रीलंका ने ज़िम्बाब्वे को कोलंबो में खेले गए एकमात्र टेस्ट में 4 विकेट से हराया। इस जीत की सबसे ख़ास बात ये रही कि श्रीलंका ने 388 रनों के रिकॉर्ड लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत हासिल की। श्रीलंका ने एशिया में लक्ष्य का पीछा करके जीत हासिल करने में सबसे बड़ा स्कोर बनाया और भारत के 2008 में इंग्लैंड के खिलाफ बनाये गए रिकॉर्ड को तोड़ दिया। भारत ने 387 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए चेन्नई में जीत हासिल की थी। इसके अलावा श्रीलंका ने श्रीलंका में जीत के लिए बनाये गए अपने सबसे बड़े स्कोर का भी रिकॉर्ड तोड़ा। 2006 में श्रीलंका ने 352/9 का स्कोर बनाकर दक्षिण अफ्रीका को हराया था। हालांकि श्रीलंका में जीत के लिए बनाये गए सबसे बड़े स्कोर का रिकॉर्ड पाकिस्तान के नाम है। 2015 में पाकिस्तान ने पल्लेकेले टेस्ट में श्रीलंका के खिलाफ 382/3 का स्कोर बनाकर जीत हासिल की थी। वैसे टेस्ट क्रिकेट में सबसे बड़े लक्ष्य का पीछा करके जीत हासिल करने का रिकॉर्ड वेस्टइंडीज के नाम है। उन्होंने 2003 के एंटिगा टेस्ट में 418/7 का स्कोर बनाकर ऑस्ट्रेलिया को हराया था। टेस्ट क्रिकेट में लक्ष्य का पीछा करके जीत हासिल करने में श्रीलंका ने पांचवां सबसे बड़ा स्कोर बनाया। वेस्टइंडीज के रिकॉर्ड के अलावा ऑस्ट्रेलिया ने 1948 के लीड्स टेस्ट इंग्लैंड के खिलाफ 404/3, भारत ने 1976 के पोर्ट ऑफ़ स्पेन टेस्ट में वेस्टइंडीज के खिलाफ 406/4 का स्कोर, दक्षिण अफ्रीका ने 2008 के पर्थ टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 414/4 का स्कोर बनाकर जीत हासिल की थी। अगर एशिया की बात करें तो सिर्फ नौ बार टीमों ने 300 से ऊपर का लक्ष्य हासिल किया है। श्रीलंका के 391 और 352, भारत के 387 और पाकिस्तान के 382 के अलावा श्रीलंका ने 1998 के कोलंबो टेस्ट में ज़िम्बाब्वे के खिलाफ 326/5, न्यूज़ीलैंड ने 2008 के चटगाँव टेस्ट में बांग्लादेश के खिलाफ 317/7, पाकिस्तान ने 1994 के कराची टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 315/9, ऑस्ट्रेलिया ने 2006 के फतुल्ला टेस्ट में बांग्लादेश के खिलाफ 307/7 और पाकिस्तान ने 2014 के शारजाह टेस्ट में श्रीलंका के खिलाफ 302/5 का स्कोर बनाकर जीत हासिल की थी।