भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और दिग्गज टेस्ट बल्लेबाज़ सुनील गावस्कर ने बीसीसीआई चयन समिति की कमियों के बारे में मिड डे के एक कॉलम में बात की। उन्होंने विराट कोहली को खुद की टीम चुनने दिए जाने और कुछ दिनों में होने वाले वेस्टइंडीज दौरे की टीम के चयन पर भी सवाल उठाते हुए कई अन्य दिगज्जों को इस प्रक्रिया को रोकने की मुहिम से जुड़ने का निवेदन किया।
"मूर्खों की बात करें तो बीसीसीआई चयन समिति भी एक (मूर्ख) नज़र आती है। पुनः चयन होने के बाद उन्हें (विराट कोहली को) निमंत्रण दिया जाते है ताकि वे खिलाड़ियों के चयन पर अपनी राय रख सकें। नियमों का पालन न कर, बीसीसीआई एक ऐसा संदेशा बाहर भेज रही है जिसके तहत दिनेश कार्तिक और केदार जाधव जैसे खिलाड़ियों को उनके खराब प्रदर्शन के कारण टीम से निकले जा सकते हैं, लेकिन कप्तान कोहली नहीं, जिनका खुद का प्रदर्शन इस बार के विश्व कप में निराशाजनक था।"
उन्होंने बीसीसीआई चयन समिति के विराट कोहली को कप्तान बनाए रखने की प्रक्रिया को लेकर भी प्रश्न खड़े किए, क्योंकि यह बिना किसी बैठक के निश्चित हो गया था, जो कि नियमों के खिलाफ है:
"उन्होनें विराट कोहली को वेस्टइंडीज दौरे के लिए बिना किसी भी प्रकार की बैठक किए कप्तान घोषित कर दिया। यह मुझे सोचने पर मजबूर कर देता है कि क्या कोहली अपनी मर्ज़ी से कप्तान बने हुए हैं या चयनकर्ताओं की मर्ज़ी से। जहाँ तक मुझे जानकारी है, कोहली का चयन सिर्फ़ विश्व कप तक के लिए था। उसके बाद, यह चयनकर्ताओं पर निर्भर करता है कि वे अगला कप्तान चुनने के लिए बैठक कब करें, भले ही वह 5 मिनिट की बैठक हो।"
आख़िर में, गावस्कर ने चयन समिति की योग्यता पर सवाल उठाते हुए कहा कि वर्तमान समिति में ऊँचे दर्जे का कोई भी खिलाड़ी नहीं है और यह समिति टीम मैनेजमेंट के दबाव में काम करती है:
"यह शायद इस समिति का आखिरी चायन है, क्योंकि जल्द ही एक नई समिति का चयन होने वाला है।उम्मीद करता हूँ कि उस समूह में ऊँचे दर्जे के खिलाड़ी हों जो मैनेजमेंट के दबाव में न आकर ठीक से अपने कार्य को अंजाम न दे।"
3 अगस्त से भारत का वेस्टइंडीज दौरा आरंभ हो रहा है, जिसमें दो टेस्ट, तीन वनडे और तीन टी20 खेले जाएंगे।
Hindi Cricket News, सभी मैच के क्रिकेट स्कोर, लाइव अपडेट, हाइलाइट्स और न्यूज स्पोर्टसकीड़ा पर पाएं