भारतीय टीम (Indian Team) आईसीसी को अहम नॉक आउट मैचों में हारने की आदत सी हो गई है। 2013 चैम्पियंस ट्रॉफी में जीत के बाद भारतीय टीम ने सात बार आईसीसी टूर्नामेंटों में भाग लिया और ग्रुप चरण को पार करने के बाद नॉक आउट मैचों में संघर्ष किया है। वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल मैच में न्यूजीलैंड (New Zealand) के खिलाफ हार भी इनमें से एक थी। कई लोगों ने टीम इंडिया को चोकर्स कहा लेकिन सुरेश रैना (Suresh Raina) ने इससे इनकार किया है।
न्यूज 24 से बातचीत करते हुए रैना ने कहा है कि देखिए, हम चोकर्स नहीं हैं, क्योंकि हमारे पास पहले से ही 1983 विश्व कप, 2007 टी20 विश्व कप और 2011 में 50 ओवर का विश्व कप है। हमें यह समझने की जरूरत है कि खिलाड़ी कड़ी मेहनत कर रहे हैं। तीन विश्व कप आने के साथ मुझे नहीं लगता कि कोई उन्हें चोकर्स कहेगा।
सुरेश रैना का पूरा बयान
आईसीसी ट्रॉफी में भारतीय टीम की जीत को लेकर पूर्वानुमान लगाते हुए रैना ने कहा कि हमें उन्हें थोड़ा और समय देना चाहिए। वे अच्छा कर रहे हैं और विराट (कोहली) में खेल को बदलने की क्षमता है। हमें इस टीम की नई शैली का सम्मान करने की जरूरत है। मुझे लगता है कि अगले 12 से 16 महीनों में भारत में आईसीसी की ट्रॉफी आने वाली है।
वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में टीम की हार को लेकर रैना ने कहा कि डब्ल्यूटीसी फाइनल ऐसा ही एक उदाहरण था। लोगों ने कहा कि यह परिस्थितियों के कारण हुआ लेकिन मुझे लगता है कि बल्लेबाजी में कुछ कमी थी। बड़े बल्लेबाजों को साझेदारियां बनानी होंगी और जिम्मेदारियां निभानी होंगी।
इस समय भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए गई हुई है। एक अन्य टीम श्रीलंका में सीमित ओवर सीरीज खेलने के लिए भी गई हुई है।