महेंद्र सिंह धोनी ने भले ही कप्तानी छोड़ दी हो लेकिन असल में वह कप्तान ही हैं। उन्हें कप्तानों का कप्तान कहना गलत नहीं होगा। वह जब भी मैदान में रहते हैं तो फील्डरों और गेंदबाजों को निर्देशित करते रहते हैं। यह कहना है भारतीय टीम के बाएं हाथ के धुआंधार बल्लेबाज सुरैश रैना का। वह इन दिनों नीदरलैंड में परिवार के साथ छुट्टियां मना रहे हैं। हालांकि, वह विश्वकप के मैचों के इंतजार में हैं। उन्हें पूरा भरोसा है कि टीम इंडिया तीसरी बार ट्रॉफी जीतेगी।
सुरेश रैना ने कहा कि महेंद्र सिंह धोनी भले ही कागजों पर कप्तान न हों लेकिन असल में वह टीम के कप्तान ही हैं। एक बार जो कप्तान बनता है फिर वो हमेशा के लिए कप्तान रहता है। वह विराट कोहली को पीछे से पूरी मदद करते रहते हैं। यहां तक कि बुरे वक्त में सारा दारोमदार अपने कंधों पर ले लेते हैं। उनकी भूमिका बिल्कुल नहीं बदली है। वह विकेट के पीछे से गेंदबाजों से बात करते हैं, उन्हें बताते हैं कि कहां गेंद फेंकनी है। साथ ही फिल्डिंग सजाने की जिम्मेदारी को भी बखूबी निभाते रहते हैं। इसमें कोई शक नहीं कि वह कप्तानों के कप्तान हैं। जब धोनी विकेट के पीछे होते हैं तो विराट कोहली रिलैक्स महसूस करते हैं। कोहली ने भी इस बात को हमेशा स्वीकारा है।
आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाड़ी रैना ने कहा कि कोहली के लिए यह बड़ा मौका होगा। वह शानदार खिलाड़ी हैं और कप्तान भी। वह अपनी भूमिका अच्छी तरह से जानते हैं। उन्हें बस अपने खिलाड़ियों में आत्मविश्वास भरने की जरूरत है। हर तरफ से हमारा पक्ष मजबूत नजर आ रहा है। इस बार विराट कोहली की टीम विश्वकप जीतने के लिए सर्वश्रेष्ठ है। हार्दिक के बारे में रैना ने कहा कि जिस तरह से वह आईपीएल में खेले थे, उसी आत्मविश्वास के साथ विश्वकप में खेलें तो कुछ भी कर सकते हैं। अच्छी बात है कि वो बल्लेबाजी के साथ गेंदबाजी भी कर लेते हैं। न्यूजीलैंड से अभ्यास मैच में हार के बाबत रैना ने कहा कि हमें बाएं हाथ के गेंदबाजों के खिलाफ समझदारी से खेलना होगा।
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