Suresh Raina struggle story: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व स्टार क्रिकेटर सुरेश रैना आज यानी (27 नवंबर) को अपना 38वां जन्मदिन मना रहे हैं। साल 2005 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने वाले रैना ने अपने दमदार प्रदर्शन से टीम इंडिया को कई बार जीत दिलाई है। रैना आईपीएल के भी दिग्गज खिलाड़ी माने जाते हैं। उनके शानदार परफॉर्मेंस की वजह से उन्हें क्रिकेट जगत में ‘मिस्टर आईपीएल’ के नाम से भी पहचाना जाता है। रैना आज जिस मुकाम पर हैं, वहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने बहुत संघर्ष किया है।
हालांकि, सुरेश रैना का बचपन बहुत मुश्किल परिस्थतियों में गुजरा है। साधारण परिवार से तालुक्कात रखने वाले रैना के सपने साधारण नहीं थे। उनके अदंर बचपन से ही क्रिकेट को लेकर जुनून था, इस जुनून की वजह से उन्होंने सीनियर्स के कपड़े तक धुले हैं। आपको बताते हैं सुरेश रैना की जिंदगी से जुड़ा वाक्या।
सीनियर्स करते थे परेशान
सुरेश रैना का जन्म उत्तर प्रदेश के मुरादानगर में 27 नवंबर को 1986 को हुआ था। रैना को बचपन से ही क्रिकेट में रुचि थी। रैना ने अपनी आत्मकथा बिलीव में बताया कि कैसे उन्हें लखनऊ के स्पोर्ट्स हॉस्टल में परेशान किया जाता था। इस हॉस्टल में सीनियर्स जूनियर्स की खूब रैगिंग करते थे। खासकर ऐसे बच्चे जो पढ़ाई और खेलकूद, दोनों में तेज होते थे, उन्हें सीनियर्स ज्यादा परेशान करते थे।
सीनियर्स, जूनियर खिलाड़ियों से अपने निजी काम करवाते। रैगिंग कर उन्हें परेशान करते थे । कभी उन्हें मुर्गा बना देते तो कभी चेहरे पर पानी फेंक देते थे। जिससे परेशान होकर उन्होंने तो हॉस्टल भी छोड़ दिया था। उसके बाद स्पोर्ट्स टीचर के समझाने के बाद उन्होंने फिर हॉस्टल जॉइन कर लिया। रैना ने इस बात का जिक्र अपनी अत्मकथा बिलीव में खुद किया।
लड़के ने रैना को बनाया था निशाना
वहीं अपनी किताब में सुरेश रैना ने बचपन के दौर का जिक्र करते हुए लिखा कि जब वो 13 साल के थे, तो आगरा क्रिकेट टूर्नामेंट खेलने के लिए ट्रेन से सफर कर रहे थे। उस ट्रेन में अधिकतर लोगों के पास सीट नहीं उनमें से वह भी एक थे। ऐसे में जिसको जहां जगह मिली सब बैठ गए। ठंड से बचने के लिए रैना ने क्रिकेट किट को पहन लिया। जिसके बाद उन्हें नींद आ गई थी। उसके कुछ देर बाद उनके उपर कोई मोटा लड़का आकर बैठ गया। जब वह नींद से जगे तो उनके हाथ बंधे हुए थे और एक मोटा बच्चा उन पर पेशाब कर रहा था।
इसके बाद रैना ने उसे जोर से धक्का दे दिया और उस लड़के की शिकायत की। इसके बाद हॉस्टल में जांच कमेटी गठित की गई। रैना ने अपने किताब बिलीव के जरिए बताया कि एक युवा क्रिकेटर के रूप में उन्होंने किन चुनौतियों का सामना किया।