पापा के सपने को बेटे ने किया पूरा, जड़े 47 छक्के; टीम इंडिया में मिलेगा मौका?

स्वास्तिक चिकारा
स्वास्तिक चिकारा (photo credit: instagram/swastikchikara_)

UP T20 Legue 2024 highest run scorer Swastik Chikara Life Story: क्रिकेट जगत में स्वास्तिक चिकारा का नाम इन दिनो सुर्खियों में है। यूपी टी20 लीग में स्वास्तिक चिकारा ने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने लीग में चौके से ज्यादा छक्के लगाए और अपनी हिटिंग से सभी का ध्यान खींचा। मेरठ मैवरिक्स को चैंपियन बनाने में स्वास्तिक की तूफानी बल्लेबाजी का अहम योगदान रहा। इसी कड़ी में हम आपको स्वातिक चिकारा के जीवन से जुड़े कुछ किस्सों के बारें में बताएगें कि कैसे वह आज इस मुकाम तक पहुंचे।

पापा का सपना था कि स्वास्तिक क्रिकेटर बनें

माता-पिता बच्चे के पैदा होते ही उसके भविष्य के सपने देखने लगते हैं। ऐसा गलत भी नहीं है क्योंकि बच्चे के भविष्य के साथ ही माता-पिता का बुढ़ापा जुड़ा होता है। ऐसा ही कुछ क्रिकेटर स्वास्तिक चिकारा के जीवन में देखने को मिला। वैसे तो क्रिकेटर्स के अंदर बचपन से ही क्रिकेट खेलने का जुनून होता है, लेकिन इस मामले में स्वास्तिक के पिता को श्रेय जाता है। उनका सपना था कि स्वास्तिक को क्रिकेटर ही बनाया जाए। इसकी वजह से स्वास्तिक के पापा ने उनका स्कूल में एडमिशन तक नहीं कराया और वह कभी स्कूल ही नहीं गए। उन्हें यह भी नहीं पता था कि स्कूल होता क्या है, क्योंकि स्वास्तिक के पिता की इच्छा थी कि बेटा खेलेगा तो बस क्रिकेट ही और अगर वह स्कूल जाएगा तो उसका ध्यान भटकेगा।

पांच साल की उम्र में क्रिकेट खेलना किया था शुरू

स्वास्तिक ने सिर्फ 5 साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। माता-पिता ही बच्चे के पहले गुरू होते हैं, ऐसे में क्रिकेट में स्वास्तिक के पहले कोच उनके पिता ही रहे। पापा की जिद से शुरू हुआ स्वास्तिक का करियर, जिसका नतीजा आज बेटा क्रिकेट जगत में अपना और पिता का नाम रोशन कर रहा है। इसका सबूत यूपी टी20 लीग के हालिया सीजन में ही देखने को मिल गया, जहां उन्होंने 47 छक्के जड़ते हुए सबसे ज्यादा 499 रन बनाए। स्वास्तिक ने अगर ऐसे ही प्रदर्शन जारी रखा तो उन्हें टीम इंडिया में जल्द ही मौका मिल सकता है।

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Edited by Prashant Kumar
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