ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में 8 विकेट से हार के साथ ही ड्वेन ब्रावो का करियर समाप्त हो गया लेकिन उन्होंने कुछ अहम बातें इस दौरान कही है। ड्वेन ब्रावो ने कहा कि नई पीढ़ी को गेम में लेकर आने का यही सही मौका है। ड्वेन ब्रावो को उनके संन्यास पर गार्ड ऑफ़ ऑनर भी दिया गया।
ब्रावो ने कहा कि मेरा लक्ष्य कुछ साल पहले संन्यास लेने का था, लेकिन प्रेसिडेंसी पद के परिवर्तन और लीडरशिप में बदलाव के साथ हृदय परिवर्तन हुआ और मैं वेस्टइंडीज को वापस देना चाहता था क्योंकि मैं अभी भी शारीरिक रूप से अच्छी जगह पर था और अपने क्रिकेट का आनंद ले रहा था। मैंने पोलार्ड के साथ एक संक्षिप्त बातचीत की और पूछा कि मैं वापस आकर सबसे छोटे प्रारूप में खेलना चाहूंगा, जो मेरी विशेषता है। उन्होंने मुझे फिर से खेलने का मौका दिया और मैं इसके लिए बहुत आभारी हूं।
ब्रावो ने कहा कि मुझे लगता है कि यह मेरे लिए गेम से दूर जाने का सही समय था और अगली पीढ़ी और युवा खिलाड़ियों को आने का मौका मिलना चाहिए जिनके साथ मेरी बहुत अच्छी दोस्ती भी है। उम्मीद है कि उनका करियर भी 12 से 18 सालों का होगा।
उल्लेखनीय है कि ड्वेन ब्रावो ने 18 साल लम्बे करियर को अलविदा कह दिया। उनको गार्ड ऑफ़ ऑनर भी दिया गया। हालांकि वेस्टइंडीज की टीम का अभियान वर्ल्ड कप में अच्छा नहीं रहा। उन्हें महज एक मैच में जीत दर्ज करने का मौका मिला। अन्य सभी मैचों में वेस्टइंडीज की टीम को हार का सामना करना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम मैच में भी वेस्टइंडीज की टीम को 8 विकेट से हार का सामना करना पड़ा।
किरोन पोलार्ड ने भी टीम के प्रदर्शन को निराश करने वाला बताया लेकिन यह भी कहा कि कुछ क्षेत्रों में हमें सुधार के लिए काम करना होगा।