Team India players wearing black armbands for late Anshuman Gaekwad: श्रीलंका और भारत के बीच आज से तीन मैचों की वनडे सीरीज की शुरुआत हो चुकी है और पहला मुकाबला कोलंबो के प्रेमदासा स्टेडियम में खेला जा रहा है। टॉस जीतकर श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी का फैसला किया है। वहीं, इस मैच के शुरू होने से पहले जब कप्तान रोहित शर्मा टॉस के लिए आए तो उनके हाथ पर काली पट्टी थी और फैंस के मन में सवाल था कि ऐसा क्यों है। हालांकि, अब इसकी असली वजह सामने आ गई है।
बीसीसीआई ने बताई भारतीय खिलाड़ियों के बांह पर काली पट्टी बांधकर खेलने की वजह
दरअसल, 31 जुलाई की रात भारत के पूर्व खिलाड़ी और कोच रह चुके अंशुमान गायकवाड़ का 71 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। अंशुमान लंबे समय से ब्लड कैंसर से जूझ रहे थे और हाल ही में लंदन से इलाज करवाकर लौटे थे। उनका निधन मुंबई में उनके घर पर ही हुए। उनके निधन पर कई दिग्गज खिलाड़ियों समेत बीसीसीआई ने भी श्रद्धांजलि दी थी। वहीं, अब टीम इंडिया के खिलाड़ी भी उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए काली पट्टी बांधकर मैदान पर उतरे हैं।
बीसीसीआई ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर बताया कि टीम इंडिया आज पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कोच अंशुमन गायकवाड़ की याद में बांह पर काली पट्टी बांधकर खेल रही है।
बता दें कि अंशुमान गायकवाड़ ने टीम इंडिया के लिए 1975 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट डेब्यू से अपने करियर की शुरुआत की थी और इसके बाद वनडे खेलने में भी कामयाब रहे। इस खिलाड़ी ने टीम इंडिया के लिए टेस्ट में 40 मैच की 70 पारियों में 30.07 की औसत से 1985 रन बनाए, जिसमें 2 शतक और 10 अर्धशतक शामिल रहे। वहीं, वनडे करियर में 15 मैच में 1 अर्धशतक की मदद से 269 रन बनाए। गेंदबाजी में अंशुमान के नाम इन दोनों फॉर्मेट को मिलाकर 3 भी दर्ज हैं। वहीं, उनकी कोचिंग में ही टीम इंडिया ने 2000 में चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल खेला था, जिसमें न्यूजीलैंड के हाथों शिकस्त मिली थी।
रोहित शर्मा ने भी बीते दिन दी थी अंशुमान गायकवाड़ के निधन पर प्रतिक्रिया
टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने श्रीलंका के खिलाफ मुकाबले से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में अंशुमान गायकवाड़ के निधन पर बात की और कहा, "मैं उस खबर को सुनकर बिल्कुल दुखी हो गया था। मैं भाग्यशाली था कि मुझे बीसीसीआई अवार्ड के दौरान उनके साथ कुछ बातचीत करने का मौका मिला। उनके परिवार के प्रति संवेदना। किसी भी अपने को खोना आसान नहीं होता है और यह उनके लिए मुश्किल समय है। मैं भाग्यशाली था कि मुझे उनसे मिलने और व्यक्तिगत स्तर पर उनसे बात करने के कुछ मौके मिले।"