पूर्व भारतीय ओपनर आकाश चोपड़ा ने टेस्ट क्रिकेट को लेकर बड़ी चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से एक के बाद एक कई सारे बेहतरीन क्रिकेटर टेस्ट फॉर्मेट से संन्यास ले रहे हैं, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि ये प्रारूप अब खतरे में है। आकाश चोपड़ा ने ये बयान हेनरिक क्लासेन (Heinrich Klaasen) के टेस्ट रिटायरमेंट को लेकर दिया है।
दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाज हेनरिक क्लासेन ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। उन्होंने तुरंत प्रभाव से टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। हाल ही में साउथ अफ्रीका के पूर्व कप्तान डीन एल्गर ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा था। उन्होंने केपटाउन में भारत के खिलाफ अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला था और अब हेनरिक क्लासेन ने भी संन्यास ले लिया है।
टेस्ट क्रिकेट अब अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है - आकाश चोपड़ा
आकाश चोपड़ा ने अपने यू-ट्यूब चैनल पर बातचीत के दौरान टेस्ट फॉर्मेट की अहमियत कम होने को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,
हेनरिक क्लासेन ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। उन्होंने कुछ मैच खेले थे और ज्यादा पुराने नहीं थे लेकिन इसके बावजूद उन्होंने संन्यास का फैसला लिया। अब ये एक तरह का ट्रेंड बन गया है कि लगातार रिटायरमेंट हो रहे हैं। मेरा ये मानना है कि टेस्ट क्रिकेट अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। टेस्ट क्रिकेट कैसे बचा रहे, अब बात यहां तक आ पहुंची है। मतलब ये कि टेस्ट प्रारूप बड़े संकट में है। कुछ खिलाड़ी सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट लेने से इंकार कर रहे हैं, क्योंकि वो चाहते हैं कि पूरी तरह से आजाद रहें और किसी भी टी20 लीग्स में खेल सकें। जो ऐसा नहीं कर पाते वो संन्यास ले रहे हैं।
आपको बता दें कि डील एल्गर और हेनरिक क्लासेन से पहले क्विंटन डी कॉक ने भी टेस्ट फॉर्मेट को अलविदा कह दिया था। हाल ही में डेविड वॉर्नर ने भी संन्यास लिया है।