टाटा ग्रुप (Tata Group) ने सफलतापूर्वक इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के लिए अपने टाइटल अधिकार बरकरार रखे हैं। यह करार 2028 तक के लिए बढ़ाया गया है। इस समझौते में प्रत्येक सीजन 500 करोड़ रुपये के योगदान का वादा किया गया है।
टेंडर के आमंत्रण दस्तावेज (IIT) में अंकित शर्त के अंतर्गत टाटा को अधिकार था कि अन्य कॉर्पोरेट संस्था द्वारा दिए प्रतिस्पर्धी प्रस्ताव के बराबर वो योगदान दे सकता है। इस प्रावधान के अंतर्गत टाटा ग्रुप ने 2500 करोड़ रुपये के मूल्य का मेल किया, जिसका आदित्य बिरला ग्रुप ने प्रस्ताव रखा था। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने शुक्रवार को यह फैसला लिया।
टाटा ने 2022 में वीवा के सब-लाइसेंस लेने के बाद अधिकार हासिल किए थे। स्मार्टफोन कंपनी ने कई कारणों से करार तोड़ा था, जिसमें एक पहलु था कि उनका चीनी कनेक्शन है।
वीवो ने 2018 सीजन में पांच साल के अधिकार सुरक्षित किए थे, जिसमें 2199 करोड़ रुपये देने का वादा किया था। आखिरी साल में बाहर निकलने का मूल्य 512 करोड़ रुपये तय किया गया था। हालांकि, यह अनुबंध छह साल चला क्योंकि महामारी के कारण एक साल रुक गया था।
भारत और चीन के बीच कूटनीतिक तनाव के कारण जब आईपीएल-वीवो करार टूटा तो टाटा ग्रुप ने 2022 में आगे आकर प्रत्येक सीजन 365 करोड़ रुपये देने पर सहमति जताई और वीवो को शेष मूल्य चुकाने की जिम्मेदारी सौंपी गई।
इस सुविधा के सफल अंत के बाद बीसीसीआई ने टाटा को किसी भी प्रस्ताव के मेल करने के अधिकार देने की मंजूरी दी। यही वजह रही कि टाटा ग्रुप ने आदित्य बिरला ग्रुप की 2500 करोड़ रुपये की बोली पर सहमति जताई और पांच साल के टाइटल अधिकार हासिल किए।
बता दें कि इस साल आईपीएल के मार्च अंत तक में शुरू होने की उम्मीद की जा रही है और फाइनल मुकाबला मई महीने में खेला जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि जून में टी20 वर्ल्ड कप 2024 का आयोजन होना है।