श्रीलंका के खिलाफ 2011 विश्वकप में धोनी को बल्लेबाजी के लिए ऊपर भेजने का निर्णय सचिन तेंदुलकर का था। तेंदुलकर ने खुद अब इस बात का खुलासा किया है। सचिन ने कहा कि बाएं और दाएं हाथ के बल्लेबाजों का समन्वय स्थापित करने के लिए धोनी को ऊपर युवराज से पहले बल्लेबाजी के लिए भेजने का प्रस्ताव उन्होंने ही दिया था।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बातचीत करते हुए सचिन ने कहा कि मैंने वीरू को कहा कि ओवर के बीच में जाकर धोनी को यह बात बताए। मैं यहाँ से कहीं नहीं हिलूंगा। गंभीर उस समय अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे। सचिन उस समय अलग बैठे हुए थे इसलिए उन्होंने ड्रेसिंग रूम के अन्य हिस्से में मौजूद धोनी तक यह सन्देश भिजवाया।
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तेंदुलकर ने आगे कहा कि गंभीर के साथ राइट हैण्ड का कोई बल्लेबाज चाहिए थे जो स्ट्राइक बदल सके और यह काम धोनी ही कर सकते थे। इसके बाद मैंने, वीरू, धोनी और कोच गैरी कर्स्टन ने मिलकर बात की और धोनी ऊपरी क्रम पर खेलने के लिए राजी हो गए। कोच गैरी को लेफ्ट-राइट की योजना अच्छी लगी।
गौरतलब है कि धोनी वर्ल्ड कप फाइनल में पांचवें स्थान पर खेलने के लिए गए थे और बाकी की चीजें इतिहास में दर्ज है। उन्होंने नाबाद 81 रन बनाए। गौतम गंभीर के लिए चौथे विकेट के लिए एक अहम साझेदारी में उनका बड़ा हाथ रहा। हालांकि इस जीत में गौतम गंभीर के 97 रन की पारी का भी बराबर योगदान दिया। दूसरे शब्दों में कहें तो गंभीर ने भी फाइनल मैच में जीत के लिए अपना श्रेष्ठ और यादगार प्रदर्शन किया था। सचिन और सहवाग की ओपनिंग जोड़ी उस मैच में जल्दी आउट हो गई थी इसलिए गंभीर और धोनी ने टीम को संभाला था।