पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज राणा नावेद उल हसन ने एक बड़ा खुलासा किया है। राणा नावेद उल हसन ने कहा है कि उन्हें नस्लभेद का शिकार होना पड़ा था। पाकिस्तान का यह खिलाड़ी इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट की बात बता रहा था। पाकिस्तान का यह गेंदबाज काउंटी क्रिकेट में यॉर्कशायर की तरफ से खेलता था। उन्होंने कहा कि स्टेडियम में मुझे लोग गालियाँ देते थे और कई बाद ख़ुदकुशी करने का मन होता था। पाकिस्तानी मूल के पूर्व अंडर 19 इंग्लिश टीम के कप्तान अजीम रफीक भी ऐसा दावा कर चुके हैं।
Espncricinfo से बातचीत करते हुए राणा नावेद ने अजीम को सपोर्ट करते हुआ कहा कि यह बिलकुल सच है। मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था। हालांकि यॉर्कशायर ने पाकिस्तान के खिलाड़ी अजीम पर कार्रवाई करने की धमकी दी है। राणा ने कहा कि आप एशियाई खिलाड़ी हो और प्रदर्शन अच्छा नहीं कर पाते तो वहां ताने मारे जाते हैं और भीड़ गालियाँ देती है।
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पाकिस्तान मूल के पूर्व अंडर 19 इंग्लिश कप्तान का दावा
अंडर 19 के कप्तान रहे अजीम रफीक ने कहा कि मैं वहां मर रहा था। यॉर्कशायर की तरफ से खेलते हुए मैं ख़ुदकुशी के करीब पहुँच गया था। परिवार का सपना बड़ा क्रिकेटर बनने का था और मैं भी यही चाहता था लेकिन मैं अंदर से खत्म हो रहा था। मैदान पर जाते समय डर लगता था। उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी को मृत बच्चा पैदा हुआ था तब मुझे क्लब से रिलीज किया गया। मैं अस्पताल से सीधा उसे दफनाने के लिए गया था। इसके बाद क्लब ने मुझे एक छोटा सा मेल करके बाहर कर दिया।
राणा नावेद ने कहा कि वहां ऐसा होता है। विकेट नहीं मिलने पर भेदभाव होता है। मेरे साथ ऐसा हुआ था। मुझे छोटे होटल में ठहराया जाने लगा। इसके बाद ख़ुदकुशी के विचार आने लगे।