सोमवार, 10 जून को भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे बड़े हीरो युवराज सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया। देश के लिए दो वर्ल्ड कप (एक ट्वेंटी-20 और एक एकदिवसीय विश्व कप) जिताने वाले युवराज सिंह काफी लम्बे समय से टीम इंडिया से बाहर चल रहे थे।
युवराज सिंह का योगदान भारतीय क्रिकेट में बहुत बड़ा और सबसे खास रहा। सिक्सर किंग के नाम से लोकप्रिय युवराज सिंह ने अकेले अपने दम पर देश को कई नायाब जीत दिलाई। 402 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने वाले युवराज सिंह ने एकदिवसीय और टी-20 क्रिकेट में बड़ा नाम कमाया। कहने को युवराज सिंह ने 40 टेस्ट मैच जरुर खेले लेकिन उनको इस प्रारूप में उतनी लोकप्रियता नहीं मिली, जितनी वनडे और ट्वेंटी-20 क्रिकेट ने उन्हें दी।
आज हम आपको युवराज सिंह के टेस्ट करियर की तीन ऐसी यादगार पारियों के बारे में बताने जा रहे है, जो वाकई में बेहद खास और देश के लिए मूल्यवान रही।
# 85* बनाम इंग्लैंड, चेन्नई टेस्ट
इस सूची में सबसे पहली पहली पारी चेन्नई टेस्ट के दौरान इंग्लैंड के विरुद्ध खेली गयी 85 रनों की नाबाद पारी आती हैं। भारत और इंग्लैंड के बीच यह टेस्ट मैच साल 2008 में खेला गया था। उस समय इंग्लैंड की टीम मुंबई में हुए आतंकी हमलों के बाद केविन पीटरसन की अगुवाई में दो टेस्ट मैच खेलने भारत दौरे पर आई थी और श्रृंखला का पहला टेस्ट मैच चेन्नई के मैदान पर खेला गया था।
इस ऐतिहासिक टेस्ट मैच की चौथी पारी में युवराज सिंह ने लक्ष्य का पीछा करते हुए देश के लिए मैच जिताऊ पारी खेली थी। युवराज ने 131 गेंदों का सामना करते हुए नाबाद 85 रन बनाए थे। अपनी इस पारी में युवराज सिंह ने आठ चौके और एक छक्का भी लगाया था।
टीम इंडिया को यह टेस्ट मैच जीतने के लिए 387 रन बनाने थे और युवराज सिंह के 85 रनों ने वाकई में टीम की यादगार जीत में बहुत बड़ा योगदान दिया था। भारतीय टीम ने यह टेस्ट मैच 6 विकेट से जीता था और इस मैच में सचिन तेंदुलकर (103)* और युवराज सिंह ने छठे विकेट के लिए नाबाद 163 रन जोड़े थे।
# 112 बनाम पाकिस्तान, लाहौर टेस्ट
भारत और पाकिस्तान के बीच यह टेस्ट मैच साल 2004 में लाहौर के गद्दाफी क्रिकेट स्टेडियम में खेला गया था। इस टेस्ट मैच में युवराज सिंह ने अपने करियर का पहला टेस्ट शतक लगाया था। युवराज सिंह ने लाहौर टेस्ट की पहली पारी में नंबर 6 पर बल्लेबाजी करते हुए शानदार 112 रन बनाए थे।
युवराज सिंह ने अपनी शतकीय पारी के दौरान सिर्फ 129 गेंदों का सामना किया था और पारी में कुल 15 चौके और दो छक्के भी लगाए थे। युवराज सिंह के करियर का यह तीसरा ही टेस्ट मैच था। पहली पारी में 112 और दूसरी पारी में युवराज ने 12 रन बनाए थे।
युवराज सिंह ने लाजवाब शतक तो जरुर बनाया था लेकिन टीम इंडिया यह टेस्ट मैच 9 विकेट के बड़े अंतर से हार गयी थी। अपने संन्यास के समय युवराज सिंह ने अपनी पारी को याद किया और अपने करियर का सबसे शानदार लम्हा भी बताया।
# 169 बनाम पाकिस्तान, बैंगलोर टेस्ट
युवराज सिंह की यह पारी भी पाकिस्तान के खिलाफ ही आई थी। भारत और पाकिस्तान के बीच यह टेस्ट मैच साल 2007 में बैंगलोर के एम चिन्नास्वामी क्रिकेट स्टेडियम में खेला गया था। उस समय पाकिस्तान भारत के दौरे पर आई हुई थी और तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला का यह अंतिम टेस्ट मैच था।
इस मैच में युवराज सिंह ने अपने टेस्ट करियर की सबसे बड़ी पारी खेली थी और 169 रन बनाए थे। युवराज सिंह ने 169 रन बनाने के लिए मात्र 203 गेंदों का सामना किया था और अपनी पारी में 28 चौके और एक छक्का भी लगाया था। युवराज सिंह ने इस टेस्ट मैच में पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (239) के साथ पांचवें विकेट के लिए 300 रन भी जोड़े थे।
भारत और पाकिस्तान के बीच खेला गया यह टेस्ट मैच ड्रॉ रहा था और युवराज सिंह की यह पारी यादगार बन गयी थी। आप को बता दें कि युवराज ने अपने टेस्ट करियर में सिर्फ तीन शतक लगाए और यह तीनों शतक पाकिस्तान के खिलाफ ही आये।