इंतजार की घड़ियां लगभग खत्म ही होने वाली हैं और 2019 आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 30 मई से शुरु होने वाला है। टूर्नामेंट इंग्लैंड एंड वेल्स में खेला जाएगा और कुल 10 देश इस बहूमुल्य खिताब को जीतने के लिए अपना दमखम लगाएंगे। इंडिया इस बार मेज़बान इंग्लैंड के साथ वर्ल्ड कप की सबसे बड़ी दावेदार मानी जा रही है।
दो बार वर्ल्ड कप जीतने और कुछ बार फाइनल तथा सेमीफाइनल का सफर तय करने वाली भारतीय टीम वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के बाद दूसरी सबसे ज़्यादा सफल टीम है। हालांकि, भारतीय टीम भी वर्ल्ड कप में फेल हुई है। एक नजर डालते हैं उन तीन मौकों पर जब एक अंडरडॉग टीम ने वर्ल्ड कप में भारतीय टीम को चौंकाने वाली हार दी।
#1 जिम्बाब्वे - 1999 वर्ल्ड कप
मुकाबले से पहले सचिन तेंदुलकर के पिता की मौत के कारण एक मिनट का मौन रखा गया था और तेंदुलकर ने इस मैच में हिस्सा नहीं लिया था। जिम्बाब्वे ने पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया और एक समय उन्होंने 87 रनों पर तीन विकेट गंवा दिए थे। एंडी फ्लावर ने अपने भाई ग्रांट फ्लावर के साथ मिलकर एक महत्वपूर्ण साझेदारी निभाई और फिर ग्रांट के आउट होने के बाद एंडी ने कप्तान एलेस्टर कैंपबेल के साथ पांचवें विकेट के लिए 60 रनों की साझेदारी की।
भारतीय टीम द्वारा दिए गए 51 अतिरिक्त रनों की बदौलत जिम्बावे ने 252 रनों का स्कोर खड़ा किया। स्लो ओवर रेट के कारण भारत की पारी से चार ओवर घटा दिए गए थे और बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ और मोहम्मद अजहरुद्दीन के विकेट काफी जल्दी गंवा दिए थे।
एस रमेश और अजय जड़ेजा ने पांचवे विकेट के लिए 99 रन जोड़े, लेकिन दोनों के आउट हो जाने के कारण भारतीय पारी लड़खड़ा गई। हेनरी ओलंगा ने आखिर में जवागल श्रीनाथ और वेंकटेश प्रसाद को आउट करके जिम्बावे को तीन रन से मुकाबला जिता दिया।
जिम्बावे: 252/9 (50 ओवर), इंडिया: 249 ऑल आउट (45 ओवर) (क्रिकेट वर्ल्ड कप 1999)
#2 श्रीलंका- 1996 वर्ल्ड कप
वर्ल्ड कप की शुरुआत से पहले ही श्रीलंका को अंडरडॉग का तमगा दिया गया था, लेकिन उन्होंने आक्रामक क्रिकेट खेलकर खुद को सेमीफाइनल में पहुंचा लिया था। भले ही श्रीलंका ने टूर्नामेंट में भारत को पहले हराया था, लेकिन वे नॉकआउट राउंड में कभी नहीं पहुंचे थे और इस कारण भारत को मैच जीतने का फेवरेट माना जा रहा था।
श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पहले ओवर में ही दोनों ओपनर्स के विकेट गंवा दिए थे, लेकिन अरविंदा डिसिल्वा ने धुंआधार बल्लेबाजी की और 66 रन बनाकर अनिल कुंबले का शिकार हुए। कप्तान अर्जुन रणातुंगा और रोशन महानमा ने छठे विकेट के लिए 83 रन जोड़े और श्रीलंका ने 251 रनों का स्कोर खड़ा किया।
जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने आठ रन पर ही पहला विकेट गंवा दिया था, लेकिन सचिन तेंदुलकर ने अर्धशतक लगाते हुए भारतीय टीम को मैच में बनाए रखा। तेंदुलकर के आउट होते ही भारतीय पारी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई और उन्होंने 132 रनों पर ही आठ विकेट गंवा दिए थे। ईडन गार्डन्स में बैठे फैंस उग्र हो गए और मैदान में बोतलें फेंकी जाने लगी जिसके बाद मैच रोक दिया गया और श्रीलंका को विजेता घोषित कर दिया गया।
श्रीलंका 251/8 (50 ओवर), इंडिया 120/8 (34.1 ओवर) (क्रिकेट वर्ल्ड कप 1996)
#3 बांग्लादेश - 2007 वर्ल्ड कप
वर्ल्ड कप के अपने पहले मैच में इंडिया का सामना बांग्लादेश से हो रहा था और भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। वीरेन्दर सहवाग और रॉबिन उथप्पा पारी के शुरुआत में ही मशरफे मुर्तजा का शिकार बने और भारत 72 रनों पर चार विकेट गंवाकर संघर्ष कर रहा था। सौरव गांगुली और युवराज सिंह ने पांचवे विकेट के लिए 85 रनों की साझेदारी की। युवराज (47) और गांगुली (66) के आउट होने के बाद भारतीय पारी ढह गई और टीम 191 रनों पर ऑलआउट हो गई।
जवाब में उतरी बांग्लादेश ने कभी भी मैच को अपनी पकड़ से बाहर नहीं जाने दिया और तमीम इकबाल, मुश्फिकुर रहीम और शाकिब अल हसन ने अर्धशतक लगाते हुए बांग्लादेश को ऐतिहासिक जीत दिलाई। अंडरडॉग बांग्लादेश ने सितारों से सजी भारतीय टीम को मात दी और यह उनके लिए यादगार जीत है।
इंडिया: 191 ऑल आउट (49.3 ओवर), बांग्लादेश: 192/5 (48.3 ओवर) (क्रिकेट वर्ल्ड कप 2007)