साल 1975 से लेकर अब तक क्रिकेट वर्ल्ड कप के 11 संस्करण खेले जा चुके हैं। इन संस्करणों में हमें कई शानदार प्रदर्शन देखने को मिले हैं। शानदार प्रदर्शन के कारण अधिकांश बार जीत ही हासिल हुई है। जैसे महेंद्र सिंह धोनी ने साल 2011 वर्ल्ड कप के फाइनल में नाबाद 91 रनों की शानदार पारी खेलकर 28 साल बाद भारत को वर्ल्ड कप खिताब दिलाया था।
हालाँकि, कुछ प्रदर्शन ऐसे रहे हैं जो यादगार तो रहे हैं, लेकिन उनकी टीम को हार का सामना करना पड़ा है। आज हम ऐसे 10 प्रदर्शनों पर एक नज़र डालेंगे जहाँ व्यक्तिगत खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन के बावजूद भी टीम को हार का सामना पड़ा।
#10. लांस क्लूजनर- 31(16) vs ऑस्ट्रेलिया, बर्मिंघम (1999):
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वर्ल्ड कप 1999 का सेमीफाइनल मैच ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला गया। इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 213 रनों पर ऑलआउट हो गई। जवाब में उतरी दक्षिण अफ्रीका की टीम 175 रनों पर 6 विकेट खो चुकी थी। इसके बाद लांस क्लूजनर शॉन पोलक का साथ देने क्रीज पर आए। उन्होंने 16 गेंदों पर 31 रन की तेज पारी खेली। लेकिन अंतिम गेंद पर एक रन लेने के चक्कर मे एलन डॉनाल्ड रन आउट हो गए और मैच बराबरी पर समाप्त हुआ। इसके बाद अच्छे रनरेट के कारण ऑस्ट्रेलिया टीम फाइनल में पहुंची
#9. क्रिस हैरिस- 130 vs ऑस्ट्रेलिया, चेन्नई (1996):
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वर्ल्ड कप 1996 का चौथा क्वार्टर फाइनल न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच चेन्नई में खेला गया। इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए न्यूजीलैंड ने 286 रन बनाए। जिसमें क्रिस हैरिस ने 130 रनों की शानदार पारी खेली थी जबकि कप्तान ली जर्मन ने 89 रन बनाए थे। जवाब में उतरी ऑस्ट्रेलिया टीम ने माइकल वॉ की शतकीय पारी की बदौलत 47.5 ओवरों में ही जीत हासिल कर लिया। माइकल वॉ की शतकीय पारी क्रिस हैरिस के शतक के ऊपर भारी पड़ गई और न्यूजीलैंड को हार का सामना करना पड़ा।
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#8. सचिन तेंदुलकर- 137 vs ऑस्ट्रेलिया, दिल्ली (1996):
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वर्ल्ड कप 1996 का 24वां मैच भारत और श्रीलंका के बीच दिल्ली में खेला गया था। इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम ने 271 रन बनाए। जिसमें सचिन तेंदुलकर ने 137 रनों की शानदार पारी खेली थी जबकि कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 72 रनों की पारी खेली। लेकिन जवाब में उतरी श्रीलंका की टीम ने सनथ जयसूर्या और तिलकरत्ने दिलशान की अर्धशतक की बदौलत 48.4 ओवरों में जीत हासिल कर ली।
#7. सकलैन मुश्ताक़ - 5/35 vs बांग्लादेश, नॉर्थम्पटन (1999):
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वर्ल्ड कप का 24वां मैच पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच नॉर्थम्पटन में खेला गया था। इस मैच में में पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया। इस मैच में पाकिस्तानी गेंदबाज सकलैन मुश्ताक़ ने इस मैच में 10 ओवरों में 35 रन देकर 5 विकेट चटकाए और एक मैडन ओवर भी फेंका। लेकिन बांग्लादेश ने पाकिस्तान को 224 रनों का लक्ष्य दिया। जवाब में उतरी पाकिस्तान टीम 44.3 ओवरों में 151 रन बनाकर ऑलआउट हो गई और सकलैन मुश्ताक़ की शानदार गेंदबाजी बेकार चली गई। वनडे क्रिकेट में यह बांग्लादेश की पहली जीत थी।
#6. गैरी गिल्मर- 5/48 vs वेस्टइंडीज, लॉर्ड्स (1975):
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वर्ल्ड कप के पहले संस्करण का फाइनल मुकाबला लॉर्ड्स के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया था। इस वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज गैरी गिल्मर दूसरा मैच खेल रहे थे, उन्होंने सेमीफाइनल मुकाबले में भी इंग्लैंड के खिलाफ 6/14 का प्रदर्शन किया था, जबकि फाइनल में वेस्टइंडीज के खिलाफ 5/48 का प्रदर्शन किया। उनके इस गेंदबाजी के कारण भी वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया को 292 रनों का लक्ष्य दिया। जवाब में उतरी ऑस्ट्रेलिया 58.4 ओवरों में ही ऑलआउट हो गई और मैच हार गई। गैरी गिल्मर का यह प्रदर्शन बेकार चला गया।
#5. जॉन डेविसन- 111 vs वेस्टइंडीज, सेंचुरियन (2003):
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श्रीलंका के खिलाफ अपने पहले वर्ल्ड कप मैच में मात्र 36 रनों पर ही ऑलआउट होने वाली कनाडा टीम वर्ल्ड कप 2003 में वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले बल्लेबाजी करते हुए जॉन डेविसन की 111 रनों की शानदार पारी की बदौलत 202 रन बनाए। जवाब में उतरी वेस्टइंडीज टीम ने 20.3 ओवरों में ही लक्ष्य को प्राप्त कर लिया। जॉन डेविसन की शतकीय पारी बेकार चली गई।
#4. शेन बॉन्ड- 6/23 vs ऑस्ट्रेलिया, पोर्ट एलिजाबेथ (2003):
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वर्ल्ड कप 2003 का सुपर सिक्स का 5वां मैच ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया था। इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 208 रन बनाए। इस मैच में न्यूजीलैंड के गेंदबाज शेन बॉन्ड ने 10 ओवर फेंकते हुए 23 रन दिए थे और 6 विकेट चटकाए थे जबकि 2 ओवर मैडन भी थे। जवाब में उतरी न्यूजीलैंड 30.1 ओवरों में 112 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। न्यूजीलैंड मैच तो हार गई लेकिन शेन बॉन्ड को मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड दिया गया।
#3. मार्टिन क्रो- 91 vs पाकिस्तान, ऑकलैंड (1992):
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वर्ल्ड कप 1992 का पहला सेमीफाइनल न्यूजीलैंड और पाकिस्तान के बीच ऑकलैंड में खेला गया था। न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए कप्तान मार्टिन क्रो के 91 रनों के शानदार पारी की बदौलत 263 रनों का लक्ष्य दिया। जवाब में उतरी पाकिस्तान की टीम ने 49 ओवरों में ही लक्ष्य को प्राप्त कर लिया। इस कारण मार्टिन क्रो की 91 रनों की पारी बेकार चली गई। मार्टिन क्रो 1992 वर्ल्ड कप के मैन ऑफ द सीरीज भी थे।
#2. सचिन तेंदुलकर- 111 vs दक्षिण अफ्रीका, नागपुर (2011):
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वर्ल्ड कप 2011 का 29वां मैच भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच नागपुर में खेला गया था। इस मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 296 रन बनाए थे। जिसमें सहवाग ने 73, गंभीर ने 69 और सचिन तेंदुलकर ने 111 रनों की पारी खेली थी यह उनके करियर का 99वां शतक था। लेकिन जवाब में उतरी दक्षिण अफ्रीका की टीम 49.4 ओवरों में लक्ष्य हासिल कर लिया। सचिन तेंदुलकर की शतकीय पारी बेकार चली गई। वर्ल्ड कप 2011 में यह भारत की पहली हार थी।
#1. महेला जयवर्धने- 103 vs भारत, मुंबई (2011):
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वर्ल्ड कप 2011 का फाइनल मुकाबला मुंबई में भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया था। इस मैच में श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 274 रन बनाए। जिसमें महेला जयवर्धने ने 88 गेंदों पर 103 रनों की शानदार पारी खेली थी। लेकिन भारत की ओर से गौतम गंभीर (97) और एमएस धोनी (91*) रनों की शानदार पारी की बदौलत भारतीय टीम यह मुकाबला 6 विकेट से जीत गई और दूसरी बार वर्ल्ड कप के खिताब पर कब्जा किया।