यूं तो ऑस्ट्रेलियाई टीम ने विश्व क्रिकेट (Cricket) में अपनी मजबूत धाक लम्बे समय से बना रखी है। लेकिन ऐसे कई मौके आये हैं, जब इस टीम को बुरी तरह से पराजय भी झेलनी पड़ी है। क्रिकेट इतिहास में कई ऐसे मौके आए हैं जब कंगारू टीम को बुरी तरह हार के बाद शर्मिंदगी झेलनी पड़ी है।
2018-19 में उन्हें भारत के खिलाफ पहली बार अपने घर में टेस्ट मैचों में हार का सामना करना पड़ा था। वहीं ऐसे कई और भी मौके आए हैं। हम आपको ऐसे ही 4 मौकों के बारे में बताते हैं जब ऑस्ट्रेलियाई टीम को बुरी हार शिकस्त झेलनी पड़ी है।
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4 ऐसे मौके जब ऑस्ट्रेलियाई टीम को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी
4.भारत से 4-0 की हार
ये ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के इतिहास की सबसे शर्मिंदा कर देने वाली सीरीज थी। जिसमें मेजबान भारतीय टीम ने माइकल क्लार्क की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम को टेस्ट सीरीज में 4-0 से हराया था। इस टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई टीम का प्रदर्शन मैदान पर तो खराब था ही साथ ही मैदान के बाहर उनके साथ विवाद भी जुड़ा।
टीम के कोच मिकी आर्थर के दिए होमवर्क को पूरा ना कर पाने की वजह से तीसरे टेस्ट से चार ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को बाहर कर दिया गया था। इसमें उप कप्तान शेन वाटसन भी शामिल थे। इसके अलावा मिचेल जॉनसन, उस्मान ख्वाजा और जेम्स पैटिंसन भी इस मैच से बाहर कर दिए गये थे। इसके बाद काफी ज्यादा विवाद हुआ था, जिससे टीम का प्रदर्शन भी प्रभावित हुआ था।
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3.एशेज 2015 (ट्रेंटब्रिज)
एशेज सीरीज 2015 के चौथे मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम को 78 रनों की शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। पहली पारी में तो कंगारू 60 रन पर आलआउट भी हो गये थे। इस मैच में स्टुअर्ट ब्राड ने 8 विकेट लिए थे। इस मैच में खराब प्रदर्शन और बतौर कप्तान माइकल क्लार्क ने संन्यास ले लिया था। वहीं इंग्लैंड ने अपने घर में लगातार चौथी बार एशेज सीरीज अपने नाम किया था। जो 19वीं सदी के बाद पहली बार हुआ।
2.वनडे में दक्षिण अफ्रीका से मिली 5-0 की हार
साल 2016 ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए खासा अच्छा नहीं रहा था। जहां टेस्ट में श्रीलंका के हाथों टीम को 3-0 से हार का सामना करना पड़ा था तो वहीं दक्षिण अफ्रीका से वनडे में 5-0 से हार का सामना करना पड़ा था। वनडे में पहली बार ऑस्ट्रेलिया का सूपड़ा साफ़ हुआ था। साथ ही दक्षिण अफ्रीका ने तीसरे वनडे में तो 371 के लक्ष्य को भी हासिल कर लिया था। अखिरी वनडे में तो ऑस्ट्रेलियाई टीम वॉर्नर के शानदार 173 की पारी के बावजूद भी 31 रनों से हार गयी थी। जिससे ऑस्ट्रेलियाई टीम और ज्यादा शमर्सार हुई थी।
1.दक्षिण अफ्रीका के सामने 47 रन पर आलआउट होना
साल 2011 में केपटाउन टेस्ट के दूसरे दिन 23 विकेट गिरे थे। ये मैच ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच हो रहा था। कंगारू टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 284 रन बनाये थे, जिसमें क्लार्क का शतक भी शामिल था। जवाब में प्रोटियाज टीम 96 रन पर आलआउट हो गयी थी।
हालाँकि इस मैच में जब ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी शुरू हुई तो वर्नेन फिलेंडर जिनका ये डेब्यू मैच था उनके दिमाग में कुछ और चल रहा था। उन्होंने अपनी स्विंग का कमाल दिखाते हुए 7 ओवर में 15 रन देकर 5 विकेट लिए और ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम 47 रन आलआउट हो गयी। इसके बाद अमला और ग्रीम स्मिथ ने बहुत ही सही समय पर शतक बनाकर 236 रन के टारगेट हासिल करके अपनी टीम को मैच जिता दिया।