साल 2007 के क्रिकेट वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया ने अपनी ताक़त एक बार फिर पेश की थी। इस बार कंगारू टीम ने लगातार तीसरी बार वर्ल्ड कप पर कब्ज़ा जमाया था और क्रिकेट की दुनिया में अपनी बादशाहत बरक़रार रखी थी। इस विश्व कप के फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने श्रीलंका को हराया था जिसके बाद महान खिलाड़ी ग्लेन मैक्ग्रा ने वनडे क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। इसके अलावा कई और गेंदबाज़ों ने भी उस वर्ल्ड कप के आख़िर में अपने करियर से संन्यास ले लिया था। 2007 के वर्ल्ड कप से लेकर 2011 के वर्ल्ड कप तक (28 अप्रैल 2007 से 19 फ़रवरी 2011 के बीच) कुछ ऐसे शानदार गेंदबाज़ सामने आए जिन्होंने उस दौर में अपने खेल से बुलंदियों को छुआ। यहां हम ऐसे 5 गेंदबाज़ों के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने इन दो विश्व कप के बीच सबसे ज़्यादा विकेट हासिल किए। इसे भी पढ़ें: भारतीय टीम के लिए असली चुनौती दक्षिण अफ्रीका में होगी: ग्रेम स्मिथ #5 जेम्स एंडरसन (इंग्लैंड)- 92 विकेट 2007 और 2011 के विश्व कप के बीच इंग्लैंड के दिग्गज गेंदबाज़ जेम्स एंडरसन ने 71 वनडे मैच खेले थे जिसमें उन्होंने 92 विकेट हासिल किए। इस दौर में स्टुअर्ट ब्रॉड भी इंग्लैंड की टीम के मुख्य गेंदबाज़ थे। उस वक़्त एंडरसन और ब्रॉड की जोड़ी का जलवा था। एंडरसन का 2007 के विश्व कप में कुछ ख़ास प्रदर्शन नहीं रहा था इस टूर्नामेंट में उन्होंने महज़ 6 विकेट हासिल किए थे। इसकी वजह ये थी कि वर्ल्ड कप से पहले उनकी हाथ की एक उंगली टूट गई थी। डंकन फ्लैचर ने फिर पीटर मूर्स को वर्ल्ड कप के बाद इंग्लैंड टीम में जगह दे दी थी। एंडरसन ने कड़ी मेहनत से टीम में फिर वापसी की और धमाल मचाया। वनडे में उन्होंने ख़ुद को साबित किया और एक विश्व स्तर के गेंदबाज़ बन गए। एंडरसन ने 2007 और 2011 वर्ल्ड कप के दौरान 33.23 की औसत से 92 विकेट हासिल किए थे। 2009 में पोर्ट एलिज़ाबेत के मैदान में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ खेलते हुए उन्होंने 23 रन देकर 5 विकेट हासिल किए थे, जिसकी वजह से प्रोटियाज़ टीम 122 रन पर सिमट गई थी। मेहमान इंग्लैंड टीम ने ये मैच 7 विकेट से जीता था, और अपने शानदार प्रदर्शन के लिए एंडरसन को 'मैन ऑफ़ द मैच' से नवाज़ा गया था। #4 काइल मिल्स (न्यूज़ीलैंड) - 97 विकेट काइल मिल्स न्यूज़ीलैंड टीम की ताक़त थे, उन्होंने अपने वनडे करियर की शुरुआत साल 2001 में की थी। साल 2015 में उन्होंने वनडे से संन्यास ले लिया था। वो न्यूज़ीलैंड के दूसरे सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले वनडे खिलाड़ी बने। उन्होंने 170 वनडे मैच में 240 विकेट हासिल किए थे। 2007 और 2011 के दौरान मिल्स ने 61 वनडे मैच खेले जिसमें उन्होंने 24.87 की औसत से 97 विकेट हासिल किए थे। उन्होंने प्रति ओवर के हिसाब से औसतन 5 रन दिए हैं वो भी 31 की स्ट्राइक रेट के साथ। उन्होंने एक मैच में 5 विकेट लेने का कारनामा सबसे पहले साल 2007 में किया था जब डरबन में 25 रन देकर 5 विकेट लिए थे। इस शानदार गेंदबाज़ी के बावजूद न्यूज़ीलैंड को 2 विकेट से हार मिली थी। #3 शाक़िब-अल-हसन (बांग्लादेश) – 101 विकेट शाक़िब-अल-हसन को बांग्लादेश का सबसे बेहतरीन क्रिकेटर कहा जाए तो शायद ग़लत नहीं होगा, इसके अलावा वो अपनी टीम के लिए अब तक के बेस्ट ऑलराउंडर साबित हुए हैं। शाक़िब के अंतरराष्ट्रीय करियर के शुरूआती दिनों में उनको अपनी टीम के बाक़ी सदस्यों का काफ़ी कम साथ मिला। कई मौकों पर वो विश्व के टॉप ऑलराउंडर साबित हुए हैं। उन्होंने क्रिकेट के सभी प्रारूपों में गेंद और बल्ले दोनों से कमाल दिखाया है। 2007 और 2011 के वर्ल्ड कप के बीच उन्होंने 74 वनडे में 28.62 की औसत से 101 विकेट हासिल किए थे। यहां जिन 5 गेंदबाज़ों का हम ज़िक्र कर रहे हैं उनमें से शाक़िब सबसे क़िफ़ायती गेंदबाज़ साबित हुए हैं। इस दौरान उन्होंने प्रति ओवर सिर्फ़ 4.40 रन लुटाए हैं। इन 4 सालों के दौरान शाक़िब के हरफ़नमौला प्रदर्शन ने सबका दिल जीता था। वो ऐसे बल्लेबाज़ के तौर पर भी जाने जाने लगे जो गेंदबाज़ी से भी कमाल दिखा सकते थे। बांग्लादेश का बेहतरीन खिलाड़ी होने की वजह से उन पर हमेशा अच्छे खेल का दबाव होता था। शाक़िब ने उस दौरान अपनी टीम की कप्तानी भी की थी। #2 मिचेल जॉनसन (ऑस्ट्रेलिया) – 109 विकेट साल 2007 में ऑस्ट्रेलिया के 2 बेहतरीन गेंदबाज़ ग्लेन मैक्ग्रा और शेन वॉर्न ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। ऐसे में किसी महान खिलाड़ी की कमी को पूरा कर पाना एक मुश्किल काम होता है। उस वक़्त कंगारू टीम ने मिचेल जॉनसन में अपना भरोसा दिखाया, ये ऐसे गेंदबाज़ बनकर सामने आए जो विपक्षी टीम के पसीने छुड़ा देते थे। 2007 और 2011 के बीच का दौर मिचेल के लिए बेहद सुनहरा था। साल 2009 में उन्हें बेहतरीन खेल के लिए ‘आईसीसी क्रिकेटर ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड’ से नवाज़ा गया था। इस दौरान उन्होंने 71 वनडे में 109 विकेट लिए थे और 4 मैन ऑफ़ द मैच अवॉर्ड हासिल किए थे। भारत के ख़िलाफ़ वनडे सीरीज़ में मिचेल ने 14 विकेट लिए थे जिसकी वजह से टीम इंडिया को 2-4 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी। मिचेल ने 26.03 की औसत से गेंदबाज़ी की थी, वो काफ़ी किफ़ायती गेंदबाज़ी करते थे जिसका नतीजा ये हुआ कि औसतन प्रति ओवर 5 से कम रन लुटाए थे। #1 स्टुअर्ट ब्रॉर्ड – 119 विकेट हांलाकि स्टुअर्ट ब्रॉड ने अपने वनडे करियर की शुरुआत साल 2006 में कर ली थी, फिर भी 2007 वर्ल्ड कप में इंग्लिश टीम में उनको जगह नहीं मिली थी। विश्व कप के तुरंत बाद ही ब्रॉड को टीम में शामिल कर लिया गया था। टीम में उनको जेम्स एंडरसन का बख़ूबी साथ मिला था। 2007 और 2011 वर्ल्ड कप के बीच के दौर में उन्होंने 67 वनडे में 119 विकेट हासिल किए थे, इस दौरान उनका औसत 24.95 और स्ट्राइक रेट 29 था। हांलाकि उन्होंने रन थोड़े ज़्यादा लुटाए, लेकिन कई मौक़ों पर वो ज़रुरी विकेट निकालने में माहिर थे। इसके अलावा वो बल्ले से भी कमाल दिखाते थे। वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ वनडे सीरीज़ में खेलते हुए उन्होंने 2 बार मैन ऑफ़ द मैच अवॉर्ड जीता था। इसी सीरीज़ को इंग्लैंड ने 3-2 से जीता था और ब्रॉड को मैन ऑफ़ द सीरीज़ के अवॉर्ड से नवाज़ा गया था। स्टुअर्ट ब्रॉड 2015 क्रिकेट वर्ल्ड कप में इंग्लिश टीम का हिस्सा थे, इस टूर्नामेंट में इंग्लैंड का प्रदर्शन काफ़ी बुरा रहा था। इंग्लैंड की टीम ग्रुप स्टेज में ही बार हो गई थी। लेखक- प्रांजल मेच अनुवादक – शारिक़ुल होदा