#2. एमएस धोनी (भारत)
विश्व कप 2015 के बाद से एमएस धोनी के बल्लेबाज़ी कौशल में निरंतर गिरावट आई है। जिसकी वजह से उन्हें क्रिकेट प्रशंसकों की आलोचना का शिकार भी होना पड़ा, लेकिन धोनी ने इस आलोचना का जबाव अपने बल्ले से देना उचित समझा।
उसी का एक ताज़ा उदाहरण मिला एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए दूसरे एकदिवसीय मैच में, जहां उन्होंने एक बार फिर से दिखाया कि क्यूँ उन्हें दुनिया के बेहतरीन फ़िनिशरों में शुमार किया जाता है।
विश्व क्रिकेट में ऐसे कुछ ही बल्लेबाज़ हैं जो दबाव में भी अपनी टीम को हार के मुँह से निकालकर जीत दिलाने की क्षमता रखते हैं, धोनी उनमें से एक हैं। 'राँची के राजकुमार' ने अपने करियर में 334 वनडे मैचों में 50.39 शानदार औसत के साथ 10000 से ज़्यादा रन बनाए हैं।
हालाँकि, 37 साल के धोनी से हम पहले जैसी बल्लेबाज़ी की तो उम्मीद नहीं रख सकते लेकिन फिर भी बढ़ती उम्र के बावजूद उनकी फिटनेस और विकेट के पीछे चीते जैसे फुर्ती नए खिलाड़ियों के लिए एक सीखने लायक बात है। इंग्लैंड में होने वाले आगामी विश्व कप में भारतीय प्रशंसकों को उनसे एक बार फिर से भारत को विश्व विजेता बनाने की उम्मीद होगी।