5 लम्हें जब क्रिकेट खिलाडियों की खेल भावना को दुनिया ने सराहा 

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#4. मार्वन अटापट्टू का एंड्रयू साइमंड्स को वापस बुलाना

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ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के बीच साल 2004 में खेली गई एकदिवसीय श्रृंखला के दौरान बेहद रोमांचक घटना देखने को मिली। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज एंड्रयू साइमंड्स श्रीलंका के गेंदबाज कुमार धर्मसेना की गेंद को खेलने गए, तब उनके बल्ले का अंदरूनी किनारा लगकर गेंद पैड्स पर टकरा गई। अंपायर पीटर मेन्युअल ने तुरंत ही उंगली उठाई और साइमंड्स को आउट करार दिया।

अंपायर के फैसले से हैरान हुए साइमंड्स काफी निराश होकर पेवेलियन की ओर चलने लगे, तभी श्रीलंकाई कप्तान मार्वन अटापट्टू ने परिस्थिति को भांप लिया। मैदान पर मौजूद दोनों अंपायर के साथ अटापट्टू ने विचार-विमर्श किया और साइमंड्स को वापस बल्लेबाजी करने के लिए बुलाने की इच्छा जाहिर की।

ठीक इस तरह का संयोग 2011 में भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए दूसरे टेस्ट में भी देखने को मिला था। इंग्लैंड के बल्लेबाज इयान बेल 137 रनों पर नाबाद खेल रहे थे, उसी समय बेल के क्रीज से बाहर खड़ा होने का लाभ उठाकर उन्हें रन आउट कर दिया गया। अंपायर ने तुरंत चाय की घोषणा कर दी, चायकाल के दौरान इंग्लैंड टीम के कुछ सदस्यों ने भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को अपना फैसला बदलने की गुजारिश की। धोनी ने भी खेल भावना दिखाते हुए आदर्श कप्तान होने का शानदार उदाहरण प्रस्तुत करते हुए चायकाल समाप्त होने के बाद बेल को फिर से बल्लेबाजी करने के बुलाया।

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