क्रिकेट के खेल में मौसम और पिच की परिस्थिति काफी मायने रखती है। अगर पिच तेज़ गेंदबाजों की मददगार होती है और मौसम भी उनका साथ दे तो फिर बलेबजों की हालत खराब हो जाती है, वहीँ अगर पिच फ्लैट और बल्लेबाजों की मददगार हो तो फिर गेंदबाजों को विकेट के लिए तरसना पड़ता है।
अगर पिच की बात करें तो कुछ पिचें ऐसी होती हैं जहाँ टेस्ट मैच के पहले दिन से ही जबरदस्त टर्न देखने को मिलता है। ऐसी पिचों पर मैच का पांच दिन तक चल पाना मुश्किल होता है और स्पिनरों के लिए ये स्वर्ग जैसा होता है। मेजबान टीम को फायदा पहुँचाने के लिए इस तरह की पिचें तैयार की जाती है और इसका सबसे बढ़िया उदाहरण भारत और श्रीलंका है।
आइये नज़र डालते विश्व के ऐसे ही 5 मैदानों पर जहाँ पिच में जबरदस्त टर्न देखने को मिलता है:
# सिंहलिज स्पोर्ट्स क्लब, कोलंबो (श्रीलंका)
श्रीलंका की टीम हमेशा से अपने स्पिन गेंदबाजों पर आश्रित रही है। इसका एक प्रमुख कारण ये भी है कि वहां की घरेलू पिचें हमेशा स्पिनरों के मददगार होती हैं। सिंहलिज स्पोर्ट्स क्लब या एसएससी, कोलंबो की पिच भी कुछ इस तरह की ही है।
श्रीलंका के महान स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने भी इस ग्राउंड में 24 टेस्ट खेले और 14 बार पारी में पांच विकेट हासिल कर कुल 166 विकेट लिए। श्रीलंका के एक और दिग्गज स्पिनर रंगना हेराथ ने यहाँ 14 टेस्ट में 84 विकेट लिए। वैसे कुछ हद तक यहाँ की पिच ने तेज़ गेंदबाजों की भी मदद की है और श्रीलंका के दिग्गज तेज़ गेंदबाज चमिंडा वास ने यहाँ 21 टेस्ट खेलकर 80 विकेट लिए हैं।
नवंबर, 2018 में श्रीलंका और इंग्लैंड के बीच यहाँ आखिरी टेस्ट खेला गया था और इंग्लैंड ने 42 रनों से मुकाबला जीता था। उस मैच में स्पिनरों ने 40 में से 34 विकेट लिए थे।
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# ग्रीन पार्क, कानपुर (भारत)
भारत में ऐसे बहुत कम ही जहाँ स्पिन गेंदबाजों को मदद नहीं मिलती है। लेकिन इनमें से भी कुछ मैदान ऐसे हैं जहाँ स्पिनरों का जबरदस्त बोलबाला रहता है। ऐसा ही एक मैदान है कानपुर का ग्रीन पार्क स्टेडियम, जहाँ पहले दिन से ही गेंद घूमने लगती है।
1959 में भारत की तरफ से जसुभाई पटेल ने यहाँ ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 69 रन देकर 9 विकेट हासिल किये थे जो 40 साल तक एक पारी में भारत की तरफ से सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी का रिकॉर्ड था। अनिल कुंबले और हरभजन सिंह की भारतीय स्पिन जोड़ी ने भी कानपुर में 7 टेस्ट खेलकर 41 विकेट हासिल किये हैं।
हालाँकि कानपुर में काफी सारे ड्रॉ मैच खेले गए हैं लेकिन बल्लेबाजों के लिए ये मैदान कभी अच्छा नहीं रहा। यहाँ आखिरी टेस्ट 2016 में खेला गया था और भारत ने न्यूजीलैंड को 197 रनों से हराया था। उस मैच में भारतोय स्पिनरों ने 16 विकेट लिए थे और रविंद्र जडेजा मैन ऑफ द मैच चुने गए थे।
# दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, दुबई (यूएई)
पिछले कुछ सालों से यूएई के मैदान पाकिस्तान के घरेलू मैदान का काम कर रहे हैं। दुबई का खूबसूरत मैदान दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम भी इसी में शामिल है। यहाँ पाकिस्तान का रिकॉर्ड भी काफी अच्छा रहा है।
पाकिस्तान के स्पिनरों ने यहाँ काफी प्रभावित किया है और ये इस बात का सबोत है कि पिच स्पिन की मददगार है। पाकिस्तान के यासिर शाह ने यहाँ 7 टेस्ट में 55 विकेट ले लिए हैं। इंग्लैंड की टीम का रिकॉर्ड यहाँ काफी खराब रहा है और उन्होंने यहाँ तीन टेस्ट खेलकर तीनों हारे हैं। पाकिस्तानी स्पिनरों के अलावा वेस्टइंडीज के देवेंद्र बिशू ने यहाँ एक टेस्ट में 10 विकेट लिए हैं। दक्षिण अफ्रीका के इमरान ताहिर ने भी यहाँ एक टेस्ट खेलकर 8 और इंग्लैंड के मोंटी पनेसर ने एक टेस्ट खेलकर 7 विकेट हासिल किये हैं।
यहाँ आखिरी टेस्ट 2018 में पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया था। पाकिस्तान ने उस मैच में एक पारी और 16 रनों से जीत हासिल की थी। मैन ऑफ द मैच यासिर शाह ने मैच में 14 विकेट लिए थे।
#4 गॉल इंटरनेशनल स्टेडियम, गॉल (श्रीलंका)
अगर जबरदस्त टर्न की बात करें तो फिर श्रीलंका में गॉल का कोई जवाब नहीं है। भारत के दिग्गज बल्लेबाज जिन्हें स्पिन खेलने के मामले में टॉप पर रखा जाता है, उन्हें भी श्रीलंका के स्पिनरों ने यहाँ काफी परेशान किया है।
महान स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने यहाँ 15 टेस्ट खेलकर 111 वक्त लेने का जबरदस्त रिकॉर्ड बनाया है। 2010 में उन्होंने इसी मैदान पर भारत के प्रज्ञान ओझा को आउट कर अपना 800वां विकेट लिया था। रंगना हेराथ ने भी यहाँ 19 मैचों में 102 विकेट लिए हैं। अगर मेहमान गेंदबाजों की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज शेन वॉर्न ने यहाँ 2 मैचों में 13 विकेट हासिल किये हैं। भारत के हरभजन सिंह ने भी यहाँ 2008 के टेस्ट मैच में 10 विकेट हासिल किये थे और भारत ने श्रीलंका को उस मैच में हराया था।
इस मैदान पर आखिरी टेस्ट अगस्त 2019 में श्रीलंका और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया था, जिसमें मेजबान टीम ने 6 विकेट से जीत दर्ज की थी।
#5 अरुण जेटली स्टेडियम, नई दिल्ली (भारत)
जिस तरह की मदद दिल्ली के फ़िरोज़ शाह कोटला (अरुण जेटली स्टेडियम) ने स्पिनरों को मुहैया कराई है, वैसा शायद ही किसी मैदान में देखा गया हो। भारत के सबसे पुराने मैदानों में शामिल कोटला में पिछले दो दशक में भारत को कोई भी टीम हरा नहीं पाई है।
वैसे तो भारत के सभी स्पिनरों ने यहाँ बेहतरीन प्रदर्शन किया है, लेकिन अनिल कुंबले का रिकॉर्ड अपने आप में अद्भुत है। उन्होंने यहाँ सात मैच खेलकर 58 विकेट लिए हैं और 1999 में इसी मैदान पर कुंबले ने पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट की एक पारी में 10 विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया था।
भारत के ही रविचन्द्रन अश्विन ने यहाँ सिर्फ चार टेस्ट खेलकर 27 विकेट हासिल किये हैं। 2015 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ इसी मैदान पर रविन्द्र जडेजा ने टेस्ट की दोनों परियों में पांच विकेट लेकर भारत को टेस्ट सीरीज में 3-0 से जीत दिलवाई थी। उस मैच में अश्विन ने भी जडेजा का बखूबी साथ दिया था और सात विकेट लिए थे।
इस मैदान पर आखिरी टेस्ट 2017 में भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया था और वह मुकाबला ड्रॉ हुआ था।