1877 में पहला टेस्ट मैच खेलने के लगभग एक सदी बाद, 1975 में पहला बहुपक्षीय टूर्नामेंट (विश्व कप) खेला गया था जिसमें 8 टीमों ने हिस्सा लिया था। इसके बाद से बहुपक्षीय टूर्नामेंटों की लोकप्रियता बढ़ती चली गई।
अब तक, कुल 11 वर्ल्ड कप खेले गए हैं जिनमें वेस्टइंडीज, भारत, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और श्रीलंका की टीमें टूर्नामेंट का ख़िताब जीतने में कामयाब रही हैं।
जबकि ऑस्ट्रेलिया सबसे ज़्यादा पांच बार विश्व कप ट्रॉफी जीतने में कामयाब रहा है, वहीं भारत और वेस्ट इंडीज़ ने दो बार जबकि पाकिस्तान और श्रीलंका ने एक बार विश्व विजेता बनने का गौरव हासिल किया है।
अब चूँकि, आगामी विश्व कप के शुरू होने में ज़्यादा समय नहीं बचा है हमने 11 चैंपियन टीमों के प्रत्येक सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को अपराजेय विश्व कप इलेवन में शामिल किया है। तो आइये एक नज़र डालते हैं इन 11 खिलाड़ियों पर:
सलामी बल्लेबाज
# 1 एडम गिलक्रिस्ट (विकेटकीपर) (ऑस्ट्रेलिया - 1999, 2003, 2007)
एडम गिलक्रिस्ट क्रिकेट की दुनिया के सबसे महान विकेटकीपर बल्लेबाजों में से एक हैं। वह विश्व कप के इतिहास में दूसरे ऐसे विकेटकीपर हैं जिसने 31 मैचों में विकेट के पीछे 52 (स्टंपिंग या कैच) शिकार किये हैं और 1085 रन बनाए है जबकि श्री लंका के कुमारा संगकारा ने इतने ही मैचों में विकेट के पीछे 54 बल्लेबाज़ों को आउट किया है और 1532 रन बनाए हैं।
गिलक्रिस्ट ने ऑस्ट्रेलिया को विश्व कप - 1999, 2003 और 2007 जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इन तीन विश्व कप टूर्नामेंटों में उन्होंने 8 अर्धशतक बनाने के अलावा,2007 में अपने आखिरी विश्व कप मैच में शानदार शतक भी लगाया था। श्रीलंका के खिलाफ खेले गए फाइनल में उन्होंने 104 गेंदों में 149 रनों की ज़बरदस्त पारी खेलकर मैच को पूरी तरह से एकतरफा बना दिया था।
#2 सचिन तेंदुलकर (भारत - 2011)
1983 विश्व कप में भारत की ऐतिहासिक जीत से प्रेरणा लेकर उस समय 10 वर्षीय सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट खेलना शुरू किया था। 28 साल बाद, भारत के लिए विश्व कप जीतने का उनका सपना पाँच असफल प्रयासों के बाद आखिरकार पूरा हो गया।
विश्व कप में भारत के लिए खेली गई अपनी 44 पारियों में, सचिन ने कुल 2278 रन बनाए और इसके साथ ही वह विश्व कप इतिहास में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी भी हैं।
छह विश्व कप टूर्नामेंटों में, सचिन ने सर्वाधिक छह शतक लगाए हैं जो भी एक रिकॉर्ड है।
भले ही उन्होंने छह शतक लगाए हों, लेकिन 2011 में पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप सेमीफाइनल में उनके बनाए 85 बेहद अहम थे जिसकी वजह से भारत फाइनल तक पहुंचने और फिर विश्व कप जीतने में सफल रहा।
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मध्य क्रम
#3 डेविड बून (ऑस्ट्रेलिया - 1987)
80 के दशक के अंत में ऑस्ट्रेलिआई टीम के उत्थान के पीछे सबसे बड़ा हाथ डेविड बून का था। वह 1987 में विश्व कप जीतने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम के अग्रणी रन स्कोरर थे।
उस विश्व कप में उन्होंने 8 मैचों में, 55.88 की शानदार औसत के साथ 447 रन बनाए थे, उस विश्व कप में उन्होंने पांच अर्धशतक लगाए थे। विश्व कप 1987 के फाइनल में मैन ऑफ द मैच रहे बून के इंग्लैंड के खिलाफ महत्वपूर्ण 75 रनों की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने 7 रनों से जीत दर्ज कर विश्व कप की ट्रॉफी उठाई थी।
#4. रिकी पोंटिंग (ऑस्ट्रेलिया - 1999, 2003, 2007)
अपने करियर में खेले 4 विश्व कप टूर्नामेंटों में कुल 1743 रनों के साथ, रिकी पोंटिंग विश्व कप इतिहास में सचिन तेंदुलकर के बाद दूसरे अग्रणी रन स्कोरर हैं।
1999 में स्टीव वॉ की कप्तानी में विश्व कप जीतने के बाद, पोंटिंग ने 2003 और 2007 में अपने नेतृत्व में ऑस्ट्रेलिया को विश्व विजेता बनाया। 92.85 जीत प्रतिशत के साथ, पोंटिंग क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल कप्तान भी रहे हैं।
पोंटिंग ने अपने करियर में खेले 4 विश्व कप टूर्नामेंटों में 45.87 की औसत से रन बनाए हैं जिनमें 5 शतक और 6 अर्धशतक शामिल हैं। नाबाद 140* रनों की उनकी उनकी सर्वश्रेष्ठ पारी 2003 विश्व कप के फाइनल में उन्होंने भारत के खिलाफ खेली थी। इसी पारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने भारत के बीस साल बाद विश्व विजेता बनने का सपना तोड़ दिया था।
#5. सर विवियन रिचर्ड्स (वेस्टइंडीज़ - 1975, 1979)
सर विवियन रिचर्ड्स का विश्व कप रिकॉर्ड असाधारण रहा है। उन्होंने अपने करियर में खेलीं कुल 21 विश्व कप पारियों में 63.31 के अविश्वसनीय औसत से कुल 1013 रन बनाए हैं। तीन विश्व कप में, रिचर्ड्स के नाम 3 शतक और 5 अर्धशतक दर्ज हैं।
1979 में विश्व कप फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ उनकी शतकीय पारी की बदौलत विंडीज़ टीम लगातार दूसरी बार विश्व विजेता बनी थी। अपनी शानदार पारी में रिचर्ड्स ने 138 रन बनाए थे जिसकी बदौलत गत विजेता बोर्ड पर 286 रन पोस्ट कर सके जबकि इंग्लिश टीम सिर्फ 194 रनों पर आल-आउट हो गई थी।
#6. क्लाइव लॉयड (वेस्ट इंडीज - 1975, 1979)
क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल कप्तानों में से एक, क्लाइव लॉयड, एक बेहतरीन बल्लेबाज़ थे। उनके नेतृत्व में खेले कुल 17 विश्व कप मैचों में वेस्टइंडीज़ को सिर्फ दो में ही हार का सामना करना पड़ा था। यह दोनों मैच उन्होंने भारत के खिलाफ 1983 विश्व कप में गंवाए थे।
लॉयड ने विश्व कप की अपनी 11 पारियों में, 43.67 के औसत से 393 रन बनाए। 1975 विश्व कप के फाइनल में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक लगाया था। 85 गेंदों में 102 रनों की पारी की बदौलत विंडीज ने 291 रन बनाए थे और ऑस्ट्रेलिया को 274 रनों पर आल-आउट कर इतिहास रच दिया था।
#7. कपिल देव (भारत - 1983)
कपिल देव, निस्संदेह भारत के सर्वश्रेष्ठ ऑल-राउंडरों में से एक रहे हैं जिन्होंने 1983 में पहली बार भारत को विश्व कप जिताने का कारनामा किया था।इस विश्व कप में, उन्होंने 115.15 की अविश्वसनीय स्ट्राइक रेट से रन बनाए थे जो कि उस समय की सर्वश्रेष्ठ स्ट्राइक रेट थी।
अपने करियर में खेले तीन विश्व कप टूर्नामेंटों में कपिल ने कुल 26 मैच खेलते हुए 669 रन बनाने के अलावा 28 विकेट भी लिए हैं। 1983 के विश्व कप में, कपिल देव की अगुवाई वाली टीम ने वेस्ट इंडीज और जिम्बाब्वे को हराकर टूर्नामेंट की शुरुआत की, लेकिन अगले दो मैचों में उन्हें क्रमशः 162 और 66 रनों से ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के हाथों हार का सामना करना पड़ा।
लगातार दो हार का मतलब था कि भारत को जिम्बाब्वे के खिलाफ अपना अगला मैच हर हाल में जीतना था। लेकिन इस मैच में भारतीय टीम की शुरुआत बेहद खराब रही और और सिर्फ 17 रनों पर 5 बल्लेबाज़ आउट हो गए।
इसके बाद बल्लेबाज़ी करने आये कपिल ने 138 गेंदों में नाबाद 175 शानदार पारी खेलकर भारत को जीत दिला दी। उनका यह शतक पूरे टूर्नामेंट में टीम के लिए प्रेरणा का स्रोत साबित हुआ।
#8. इमरान खान (पाकिस्तान - 1992)
इमरान खान, जिन्होंने 1987 के विश्व कप के बाद संन्यास की घोषणा कर दी थी, विश्व कप 1992 में पाकिस्तान की जीत के नायक रहे थे। दरअसल, उस समय पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल जिया-उल-हक ने उन्हें टीम में वापिस आने की अपील की थी।
अपने करियर में खेले 28 विश्व कप मैचों में, उन्होंने 35.05 की औसत से कुल 666 रन बनाए हैं । इसके अलावा, उन्होंने 19.26 की अविश्वसनीय औसत से 34 विकेट भी हासिल किये हैं।
1992 के विश्व कप फाइनल में इमरान, जिन्होंने आमतौर पर निचले क्रम पर बल्लेबाजी की थी, इस मैच में नंबर तीन पर बल्लेबाजी करने आए और एक शानदार अर्धशतक बनाकर उन्होंने पाकिस्तान के स्कोर को 249 तक पहुंचाया। गेंदबाज़ी में उन्होंने अहम योगदान दिया और पाकिस्तान ने 22 रन से यह मैच जीता था।
गेंदबाज़
#9 मिचेल स्टार्क (ऑस्ट्रेलिया - 2015)
मिचेल स्टार्क भले ही सिर्फ एक ही विश्व कप खेले हों लेकिन जिस तरह का प्रभावशाली प्रदर्शन उन्होंने इस टूर्नामेंट में किया है उसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा।
विश्व कप 2015 के दौरान, स्टार्क ने केवल 10.18 के उल्लेखनीय औसत से कुल 22 विकेट लिए और 'मैन ऑफ द टूर्नामेंट' पुरस्कार के हकदार बने। टूर्नामेंट के फाइनल में उन्होंने महज़ 2.5 की इकोनॉमी रेट के साथ महत्वपूर्ण 2 विकेट हासिल किये थे जिसकी वजह से कीवी टीम सिर्फ 183 रनों पर ढेर हो गई और ऑस्ट्रेलिया ने बड़ी आसानी से मैच जीतकर पांचवीं बार विश्व विजेता बनने का गौरव हासिल किया।
#10 ग्लेन मैक्ग्रा (ऑस्ट्रेलिया - 1999, 2003, 2007)
ग्लेन मैक्ग्रा ने ऑस्ट्रेलिया को लगातार तीन विश्व कप टूर्नामेंट जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह 1999, 2003 और 2007 विश्व कप में क्रमशः 18, 21 और 26 विकेट चटकाकर अपनी टीम की जीत के नायक रहे थे।
मैक्ग्रा ने 39 विश्व कप मैचों में कुल 71 विकेट लिए हैं और इसके साथ ही वह टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं।
#11. मुथैया मुरलीधरन (श्रीलंका - 1996)
1996 विश्व कप में श्रीलंका के लिए सबसे अधिक विकेट लेने वाले मुथैया मुरलीधरन टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे सफल स्पिनर भी रहे हैं। मिस्ट्री स्पिनर ने अपने करियर में खेले 40 विश्व कप मैचों में 19.63 की औसत से 68 विकेट चटकाए हैं।
श्रीलंका को 1996 विश्व कप जिताने में अहम भूमिका निभाने के अलावा, उन्होंने अपनी टीम को 2007 और 2011 विश्व कप के फाइनल तक पहुँचने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।