#7. कपिल देव (भारत - 1983)
कपिल देव, निस्संदेह भारत के सर्वश्रेष्ठ ऑल-राउंडरों में से एक रहे हैं जिन्होंने 1983 में पहली बार भारत को विश्व कप जिताने का कारनामा किया था।इस विश्व कप में, उन्होंने 115.15 की अविश्वसनीय स्ट्राइक रेट से रन बनाए थे जो कि उस समय की सर्वश्रेष्ठ स्ट्राइक रेट थी।
अपने करियर में खेले तीन विश्व कप टूर्नामेंटों में कपिल ने कुल 26 मैच खेलते हुए 669 रन बनाने के अलावा 28 विकेट भी लिए हैं। 1983 के विश्व कप में, कपिल देव की अगुवाई वाली टीम ने वेस्ट इंडीज और जिम्बाब्वे को हराकर टूर्नामेंट की शुरुआत की, लेकिन अगले दो मैचों में उन्हें क्रमशः 162 और 66 रनों से ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के हाथों हार का सामना करना पड़ा।
लगातार दो हार का मतलब था कि भारत को जिम्बाब्वे के खिलाफ अपना अगला मैच हर हाल में जीतना था। लेकिन इस मैच में भारतीय टीम की शुरुआत बेहद खराब रही और और सिर्फ 17 रनों पर 5 बल्लेबाज़ आउट हो गए।
इसके बाद बल्लेबाज़ी करने आये कपिल ने 138 गेंदों में नाबाद 175 शानदार पारी खेलकर भारत को जीत दिला दी। उनका यह शतक पूरे टूर्नामेंट में टीम के लिए प्रेरणा का स्रोत साबित हुआ।
#8. इमरान खान (पाकिस्तान - 1992)
इमरान खान, जिन्होंने 1987 के विश्व कप के बाद संन्यास की घोषणा कर दी थी, विश्व कप 1992 में पाकिस्तान की जीत के नायक रहे थे। दरअसल, उस समय पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल जिया-उल-हक ने उन्हें टीम में वापिस आने की अपील की थी।
अपने करियर में खेले 28 विश्व कप मैचों में, उन्होंने 35.05 की औसत से कुल 666 रन बनाए हैं । इसके अलावा, उन्होंने 19.26 की अविश्वसनीय औसत से 34 विकेट भी हासिल किये हैं।
1992 के विश्व कप फाइनल में इमरान, जिन्होंने आमतौर पर निचले क्रम पर बल्लेबाजी की थी, इस मैच में नंबर तीन पर बल्लेबाजी करने आए और एक शानदार अर्धशतक बनाकर उन्होंने पाकिस्तान के स्कोर को 249 तक पहुंचाया। गेंदबाज़ी में उन्होंने अहम योगदान दिया और पाकिस्तान ने 22 रन से यह मैच जीता था।