Ban on Tobacco Ads At Cricket Stadiums: भारत में बड़ी संख्या में क्रिकेट के मुकाबलों के लिए स्टेडियम बने हुए हैं। इनमें से कुछ स्टेडियम अपनी खूबसूरती के लिए काफी लोकप्रिय हैं। वहीं, कुछ को उस स्तर का नहीं माना जाता है, जिसके पीछे सबसे बड़ा कारण स्टेडियम में लगी होर्डिंग्स हैं, जिंसमे तंबाकू वाले प्रोडक्ट के विज्ञापन होते हैं। अब इसको लेकर कड़ा फैसला लिया सकता है, क्योंकि स्वास्थ्य मंत्रालय अब इन पर रोक लगाने पर विचार कर रहा है और उसने बीसीसीआई को इस मामले से अवगत कराने के लिए एक पत्र भी लिखा है। वहीं, कुछ बड़े खिलाड़ी और अभिनेता भी इलायची के नाम पर तंबाकू प्रोडक्ट का प्रचार करते हैं, उनके ऊपर भी रोक लगाई जा सकती है।
दिल्ली का अरुण जेटली स्टेडियम हो या फिर कानपुर का ग्रीन पार्क, इन स्टेडियम में काफी ज्यादा मात्रा में तंबाकू प्रोडक्ट का प्रचार किया जाता है। क्रिकेट को सभी उम्र के लोग देखते हैं, जिसमें बच्चे और युवा भी शामिल हैं। ऐसे विज्ञापन देखकर उनमें भी इन सब प्रोडक्ट की लोकप्रियता बढ़ती है और जिसका गलत प्रभाव पड़ता है।
तंबाकू प्रोडक्ट के विज्ञापन पर लग सकती है रोक
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय ने पत्र लिखकर इस मुद्दे को बीसीसीआई के समक्ष उठाने को कहा है। उनके जल्द ही बीसीसीआई अधिकारियों से मिलने की संभावना है। भारत सरकार तंबाकू कंपनियों से संबंधित सभी विज्ञापनों के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाना चाहती है, जिसमें सरोगेट विज्ञापन भी शामिल हैं, जो सभी तंबाकू और गुटखा निर्माण ब्रांड हाल ही में कर रहे हैं और कई उल्लेखनीय हस्तियों के साथ-साथ पूर्व क्रिकेटरों द्वारा भी इसका समर्थन किया जा रहा है।
वनडे वर्ल्ड कप 2023 में विज्ञापन को लेकर आई हैरान करने वाली रिपोर्ट
आपको बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय की चिंता के पीछे इंडियन काउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की एक रिपोर्ट को भी आधार माना जा सकता है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले साल भारत में आयोजित हुए आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप में पता चला कि 2023 में धुआं रहित तंबाकू ब्रांडों के सभी सरोगेट विज्ञापनों में से 41.3% टूर्नामेंट के आखिरी 17 मैचों के दौरान दिखाई दिए। उस दौरान टूर्नामेंट रोमांचक दौर में था और काफी व्यूअरशिप भी मिल रही थी।