सोमवार को खेले गए विजय हजारे ट्रॉफी के मुकाबले में दिल्ली ने उत्तर प्रदेश को 55 रनों से हरा दिया। दिल्ली की तरफ से काफी समय से खराब फॉर्म से जूझ रहे बल्लेबाज उन्मुक्त चंद ने शानदार शतक लगाया। इससे पहले उत्तर प्रदेश के कप्तान अक्षदीप नाथ ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया। हितेन दलाल और उन्मुक्त चंद ने दिल्ली को एक ठोस शुरुआत देने का काम किया। दोनों ने मिलकर पहले विकेट के लिए 107 रन जोड़े। हितेन दलाल 57 रन बनाकर आउट हो गए, लेकिन उन्मुक्त चंद क्रीज़ पर जमे रहे। बताते चलें कि मैच से पहले नेट पर प्रैक्टिस करते समय समय चंद का जबड़ा टूट गया था, इसके बावजूद भी उन्होंने मैच में खेलने का निर्णय किया। चंद ने मैच में उपस्थिति की औपचारिकता मात्र नहीं निभाई , बल्कि बहुत दिनों बाद एक यादगार शतक जड़ने में भी सफल रहे। अपनी 116 रनों की पारी में चंद ने 125 गेंदों का सामना किया और 12 चौके और तीन छक्के लगाए। चंद की पारी की मदद से दिल्ली की टीम 50 ओवर में 6 विकेट खोकर 307 रन स्कोरबोर्ड पर टांग दिए। 308 रनों का पीछा करने उतरी उत्तर प्रदेश की शुरुआत खराब रही। टीम के सलामी बल्लेबाज प्रशांत गुप्ता और शिवम चौधरी जल्द ही पवेलियन लौट गए। हालांकि, एक छोर पर उमंग शर्मा ने टीम को संभाले रखा और अपना शतक पूरा किया। उमंग के आउट होते ही उत्तर प्रदेश की पूरी टीम 252 रनों पर ऑल आउट हो गई। मैच के बाद साथी खिलाड़ियों ने चंद की जमकर तारीफ की, ऐसी ही घटना साल 2002 में एंटिगुआ टेस्ट के दौरान अनिल कुंबले के साथ हुई थी। जबड़ा टूटने के बावजूद भी उस मैच में अनिल कुंबले ने गेंदबाजी की थी और ब्रायन लारा का विकेट झटका था। साल 2012 में अपनी कप्तानी में चंद भारतीय टीम को अंडर-19 वर्ल्ड कप जीता चुके हैं। चंद पिछले कुछ समय से खराब फॉर्म से जूझ रहे थे, लेकिन इस पारी के बाद वो आत्मविश्वास से लबरेज होंगे।