जब सचिन, सौरव और युवराज को ड्रॉप किया जा सकता है तो इन प्लेयर्स को क्यों नहीं किया जाता, पूर्व गेंदबाज का बयान

England v India - 3rd Vitality IT20
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पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद (Venkatesh Prasad) ने वर्तमान भारतीय थिंक टैंक पर निशाना साधा है। उन्होंने थिंक-टैंक की इस बात के लिए आलोचना की है कि किसी भी प्लेयर के फॉर्म में ना होने पर वे उसे ड्रॉप नहीं करते हैं बल्कि रेस्ट देते हैं। वेंकटेश ने इसके लिए पूर्व खिलाड़ियों का उदाहरण दिया कि कैसे खराब फॉर्म पर उन्हें बाहर कर दिया जाता था।

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दरअसल पूर्व भारतीय कप्तान विराट कोहली पिछले काफी समय से खराफ फॉर्म में चल रहे हैं। वो लगभग तीन साल से शतक नहीं लगा पाए हैं और किसी भी फॉर्मेट में बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे हैं। हालांकि इसके बावजूद उन्हें बार-बार मौके मिल रहे हैं।

वेंकटेश प्रसाद ने पूर्व खिलाड़ियों का दिया उदाहरण

वेंकटेश प्रसाद के मुताबिक किसी खिलाड़ी को उसकी रेपुटेशन के आधार पर टीम में शामिल करना सही नहीं है। जो खिलाड़ी फॉर्म में उसे ही मौका दिया जाना चाहिए। उन्होंने इसके लिए पूर्व क्रिकेटरों सौरव गांगुली, युवराज सिंह, सहवाग और जहीर खान जैसे खिलाड़ियों का उदाहरण दिया, कैसे खराब फॉर्म की वजह से उन्हें भी ड्रॉप कर दिया गया था।

वेंकटेश प्रसाद ने एक ट्वीट करके प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,

एक समय ऐसा था जब आप फॉर्म में नहीं होते थे तो आपको टीम से ड्रॉप कर दिया जाता था, भले ही आप कितना भी बड़ा नाम क्यों ना हों। सौरव, सहवाग, युवराज, जहीर, भज्जी इन सबको खराब फॉर्म के आधार पर ड्रॉप किया गया था। ये खिलाड़ी डोमेस्टिक क्रिकेट में गए, वहां पर परफॉर्म किया और फिर वापसी की। हालांकि अब चीजें लगता है बदल गई हैं, जहां खराब फॉर्म में रहने वाले खिलाड़ियों को रेस्ट दिया जाता है। देश में इतना सारा टैलेंट है और आप केवल रेपुटेशन पर ही नहीं खेल सकते हैं। भारत के महान मैच विनर्स में से एक अनिल कुंबले को कई बार बाहर बैठना पड़ा था।

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Edited by सावन गुप्ता
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