कर्नाटक ने दिल्ली में खेले गए विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल में सौराष्ट्र को 41 रन से हराकर तीसरी बार खिताब जीत लिया। कर्नाटक ने फाइनल में मैन ऑफ़ द मैच मयंक अग्रवाल के शानदार 90 रनों की बदौलत 253 रन बनाये, जिसके जवाब में सौराष्ट्र की टीम 212 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। सौराष्ट्र के कप्तान चेतेश्वर पुजारा ने 94 रनों की बढ़िया पारी खेली, लेकिन टीम को जीत तक नहीं पहुंचा सके। मयंक अग्रवाल (723 रन) एक लिस्ट ए सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज भी बने। कर्नाटक ने इससे पहले 2013-14 और 2014-15 में विजय हजारे ट्रॉफी का खिताब जीता था और इस तरह पिछले पांच सालों में यह उनका तीसरा ख़िताब है। सौराष्ट्र ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला लिया था और कर्नाटक की शुरुआत बेहद खराब रही। 5 के स्कोर तक करूण नायर (0) और केएल राहुल (0) खाता खोले बिना आउट हो गए थे, लेकिन इसके बाद मयंक अग्रवाल ने 79 गेंदों में 90 रनों की धुआंधार पारी खेलकर टीम को संभाला। आर समर्थ ने 48 और पवन देशपांडे ने 49 रनों का योगदान दिया। श्रेयस गोपाल ने अंत में 31 रनों का अहम योगदान दिया। कमलेश मकवाना ने सबसे ज्यादा 4 विकेट लिए। लक्ष्य के जवाब में सौराष्ट्र को भी शुरूआती झटके लगे और खराब शुरुआत के बाद एक बार संभलने के बावजूद टीम जीत तक नहीं पहुंच सकी। कप्तान चेतेश्वर पुजारा ने 127 गेंदों में 94 रन बनाये, लेकिन बाकी किसी ने उनका साथ नहीं दिया। रविन्द्र जडेजा सिर्फ 15 रन बना सके। कृष्णप्पा गौतम और प्रसिद्ध कृष्णा ने 3-3 विकेट लिए और सौराष्ट्र की पूरी टीम 46.3 ओवर में 212 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। सेमीफाइनल में कर्नाटक ने महाराष्ट्र और सौराष्ट्र ने आंध्रा को हराया था। मयंक अग्रवाल ने 3 शतक और 4 अर्धशतक की मदद से टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 723 रन बनाये। हैदराबाद के मोहम्मद सिराज ने सबसे ज्यादा 23 विकेट लिए, जिसमें उन्होंने एक पारी में तीन बार 5 विकेट लिए। संक्षिप्त स्कोरकार्ड: कर्नाटक: 253 (मयंक अग्रवाल 90, कमलेश मकवाना 4/34) सौराष्ट्र: 212 (चेतेश्वर पुजारा 94, कृष्णप्पा गौतम 3/27)