भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे पर्थ टेस्ट मैच में कप्तान विराट कोहली ने अपने टेस्ट करियर का 25वां शतक जड़ा। मैच के तीसरे दिन पैट कमिंस ने विराट कोहली की शतकीय पारी का अंत किया। उन्होंने 257 गेंदों में 123 रनों की शानदार पारी खेली। उन्होंने अपनी पारी में 13 चौके और एक छक्का जड़ा। कोहली पर्थ की पिच पर शानदार खेले। विराट कोहली का विकेट ऑस्ट्रेलिया के लिए एक बड़ी सौगात थी। मगर अब इस विकेट पर एक नया विवाद छिड़ चुका है।
हुआ यूं कि विराट कोहली ने एक एक कमजोर शॉट खेला और गेंद उनके बल्ले को छूकर दूसरी स्लिप में खड़े पीटर हैंड्सकोम्ब के पास चली गई। उन्होंने अपनी दाहिनी तरफ डाइव लगाकर कैच लपक लिया। कैच क्लीन था या नहीं इसको लेकर काफी भ्रम की स्थिति थी मगर फील्ड अंपायर कुमार धर्मसेना ने विराट कोहली को आउट करार दिया।
जब मामला थर्ड अंपायर के पास पहुंचा तो सॉफ्ट सिग्नल आउट आया। सॉफ्ट सिग्नल नॉट आउट का भी आ सकता था। लेकिन थर्ड अंपायर के पास इस फैसले को बदलने के लिए कोई स्पष्ट सबूत नहीं था और क्रिकेट के नियमों के मुताबिक फील्ड अंपायर के फैसले को बदलने के लिए थर्ड अंपायर को पूरी तरह से आश्वस्त होना चाहिए। हालांकि विराट कोहली के इस विकेट पर सोशल मीडिया पर एक बार फिर से बहस छिड़ गई है।
रीप्ले में देखने पर साफ तरीके से कुछ पता नहीं चल सका। हालांकि हैंड्सकोम्ब ने कैच लेने के बाद इशारा किया कि उन्होंने ‘क्लीन’ कैच पकड़ा है। इस बात पर चर्चा हो सकती थी कि उस ‘गैप’ से गेंद ने मैदान को छुआ या नहीं। लेकिन इस चर्चा से पहले ही अंपायर ने विराट कोहली को आउट करार दिया। फिर उन्होंने अपने फैसले को परखने के लिए थर्ड अंपायर की तरफ इशारा भी कर दिया।
थर्ड अंपायर नाइजेल लॉन्ग ने अलग-अलग एंगल से उस कैच को परखा। शॉट को जूम करके भी देखा। इन सारी कवायदों के बाद भी उन्हें समझ नहीं आया होगा कि विराट कोहली के कैच को क्लीन पकड़ा गया है नहीं। चूंकि वो खुद ही पूरी तरह से सहमत नहीं थे इसलिए उन्होंने फील्ड अंपायर के फैसले को ही सही फैसला करार दिया।
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