भारतीय क्रिकेट में बतौर कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) का एक बड़ा नाम था लेकिन पिछले पांच महीनों में एक के बाद एक, उनके हाथ से तीनों प्रारूपों की कप्तानी चली गई। कोहली ने टेस्ट और टी20 की कप्तानी खुद से छोड़ी, वहीं वनडे की कप्तानी से हटा दिया गया था। शनिवार को विराट ने टेस्ट प्रारूप की कप्तानी को छोड़ने का निर्णय लिया और उसके बाद से पूर्व खिलाडियों की प्रतिक्रिया जारी है। इसी में 1983 वर्ल्ड कप विजेता कप्तान कपिल देव (Kapil Dev) का नाम भी शामिल हो गया है। उनका मानना है कि विराट कोहली काफी समय से दबाव में नजर आ रहे थे और अब बतौर खिलाड़ी उन्हें नए कप्तान का मार्गदर्शन करना होगा।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज बतौर कप्तान उनकी आखिरी सीरीज साबित हुयी। 2015 में एमएस धोनी के संन्यास के बाद कोहली ने फुल टाइम यह जिम्मेदारी संभाली थी और उन्हें इस प्रारूप में काफी सफलता मिली। विराट ने 68 टेस्ट में भारत की कमान संभाली और 40 मैचों में जीत दर्ज की और भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान बने।
टी20 कप्तानी छोड़ने के बाद से विराट कोहली बुरे दौर से गुजर रहे थे - कपिल देव
कपिल देव ने विराट के निर्णय का स्वागत किया है और उनके मुताबिक इससे कोहली को फायदा होगा। मिड-डे के साथ बात करते हुए दिग्गज ऑलराउंडर ने कहा,
मैं विराट के टेस्ट कप्तानी छोड़ने के फैसले का स्वागत करता हूं। टी20 की कप्तानी छोड़ने के बाद से ही वह बुरे दौर से गुजर रहे थे। वह हाल के दिनों में काफी तनाव में नजर आ रहे हैं, काफी दबाव में नजर आ रहे हैं। इसलिए स्वतंत्र रूप से खेलने के लिए कप्तानी छोड़ना एक विकल्प था। उन्होंने इसीलिए यह चुना।
कपिल को यह भी लगता है कि कोहली शायद कप्तानी का आनंद नहीं ले रहे थे। उन्होंने आगे कहा,
वह एक परिपक्व व्यक्ति हैं। मुझे यकीन है कि उन्होंने यह महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले काफी सोच विचार किया होगा। हो सकता है, वह कप्तानी का आनंद नहीं ले रहे थे। हमें उनका समर्थन करना होगा और उन्हें शुभकामनाएं देनी होंगी।
अपने सुनहरे दिनों में, कपिल कृष्णमाचारी श्रीकांत और मोहम्मद अजहरुद्दीन के नेतृत्व में खेले और वह चाहते हैं कि कोहली बतौर बल्लेबाज नए कप्तान के नेतृत्व में खेलें। उन्होंने इस बारे में कहा,
यहां तक कि सुनील गावस्कर भी मेरी कप्तानी में खेले। मैं के श्रीकांत और अजहरुद्दीन के नेतृत्व में खेला। मुझे कोई ईगो नहीं था। विराट को अपना ईगो छोड़ना होगा और एक युवा क्रिकेटर के नेतृत्व में खेलना होगा। इससे उन्हें और भारतीय क्रिकेट को मदद मिलेगी। विराट को नए कप्तान, नए खिलाड़ियों का मार्गदर्शन करना चाहिए। हम विराट को बतौर बल्लेबाज बिलकुल भी नहीं खो सकते।