वीरेंदर सहवाग के पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली को उनके जन्मदिन पर मजेदार ट्वीट करके बधाई दी है। पूर्व भारतीय विस्फोटक बल्लेबाज ने ट्वीट किया, 'जन्मदिन की शुभकामनाएं सौरव गांगुली। आप लगातार मदद करते रहें ताकि भारत का तिरंगा ऊंचा लहराता रहे, बिलकुल वैसे ही जैसे आपने लॉर्ड्स में अपनी शर्ट (जर्सी) लहराई थी।' पूर्व दिल्ली डेयरडेविल्स के कप्तान को हास्यास्पद ट्वीट करने के लिए जाना जाता है, जिसका ट्विटर पर लोग बेसब्री से इंतेजार करते हुए नजर आते हैं । उन्होंने हाल ही में मौजूदा भारतीय सीमित ओवरों के कप्तान एमएस धोनी को जन्मदिन की बधाई दी थी। लोग दावा करते हैं कि धोनी और सहवाग के बीच का रिश्ता अच्छा नहीं है, क्योंकि ओपनर को टीम से बाहर करने का कारण माही को ही माना जाता है। सहवाग के ट्वीट का प्रशंसक बहुत आनंद उठाते हैं। उन्होंने एक बार पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर का मजाक बनाते हुए कहा, 'स्पष्ट है की शोएब अख्तर मुझे चुनौती देने में बहुत घबरा गए थे जब मैं स्टूडियो में था।' बहरहाल, सहवाग ने गांगुली को जो ट्वीट किया है उसकी असली वजह यह है कि 2002 में लॉर्ड्स के मैदान पर नेटवेस्ट ट्राईएंगुलर सीरीज के फाइनल में भारत ने इंग्लैंड को रोमांचक मैच में हरा दिया था और गांगुली ने अपनी जर्सी को हवा में खूब लहराया था। गांगुली के उत्साह मनाने के अंदाज ने उन्हें काफी मशहूर कर दिया था और आज भी उन्हें इस उत्साह के लिए याद किया जाता है।
इस मशहूर उत्साह के पीछे का असली राज जानते है आप? दरअसल, इंग्लैंड की टीम नेटवेस्ट ट्रॉफी से पहले भारत का दौरा करके गई थी। तब भारत वन-डे सीरीज में 3-2 की बढ़त बनाए हुए था और सातवें मैच में सीरीज जीत के करीब था। सीरीज का एक मैच बारिश की भेंट चढ़ा था। मगर एंड्रू फ़्लिंटॉफ़ ने शानदार गेंदबाजी करके मेहमान टीम को मुंबई में जीत दिलाई और सीरीज 3-3 से बराबर कर दी। जीत के उत्साह में फ़्लिंटॉफ़ ने पूरे मैदान का चक्कर लगाकर अपनी जर्सी बदन से उतारकर हवा में लहराई। फिर नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में जैसे ही भारत जीता तो गांगुली ने उत्साह मनाकर फ़्लिंटॉफ़ को एक प्रकार से जवाब दिया था। खुद गांगुली ने ही इस बात का खुलासा एक टीवी इंटरव्यू में किया था। तभी से गांगुली इस उत्साह के लिए जाने जाते हैं।