वीरेंदर सहवाग (Virender Sehwag) ने बताया है कि कैसे उन्होंने सिर्फ टीवी पर सचिन तेंदुलकर (Sachin tendulkar) को देखकर ही स्ट्रेट ड्राइव अरु बैकफुट पंच खेलना सीख लिया था। एक एप लॉन्च के मौके पर बोलते सहवाग ने अपने इस अनुभव के बारे में बताया। सहवाग ने उस समय की घटना जा जिक्र किया जब सचिन तेंदुलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलते थे और सहवाग टीवी पर मैच देखा करते थे।
सहवाग ने कहा कि मैंने 1992 वर्ल्ड कप के समय से टीवी पर क्रिकेट देखना शुरू किया था। टीवी देखते हुए मैंने सचिन तेंदुलकर से स्ट्रेट ड्राइव सीखा। इसके अलावा सहवाग ने तकनीक की अहमियत के बारे में प्रतिक्रिया दी और कहा कि वर्तमान समय में क्रिकेटर के लिए काफी वीडियो उपलब्ध होते हैं। मेरे समय में ऐसा होता तो शायद में ज्यादा तेज सीख पाता।
वीरेंदर सहवाग का तकनीक के सम्बन्ध में बयान
पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने कहा कि अगर मेरे जमाने में वीडियो जैसी तकनीक रहती तो मैं तेजी से सीखकर शायद भारतीय टीम में भी जल्दी खेलने के लिए आता। इसके अलावा सहवाग ने अपने फुटवर्क को लेकर कहा कि हर कोई कहता था कि मुझे इसमें सुधार करना चाहिए लेकिन यह कोई नहीं बताता था कि सुधार कैसे करना है। मंसूर अली खान पटौदी, सुनील गावस्कर कृष्णामचारी श्रीकांत की सलाह पर मैंने लेग स्टंप की जगह मिडिल स्टंप पर खड़ा होना शुरू किया और उससे मुझे काफी मदद मिली।
गौरतलब है कि वीरेंदर सहवाग अपने करियर की शुरुआत में निचले क्रम पर खेलते थे और ऑफ़ स्पिन गेंदबाजी भी करते थे। सौरव गांगुली ने उन्हें अपनी कप्तानी में मौका दिया और ऊपर खेलने के लिए भेजा। इसके बाद भारत के लिए वह हर प्रारूप में बतौर ओपनर खेले और टेस्ट क्रिकेट में दो बार तिहरा शतक जमाया। वनडे में भी उनके नाम दोहरा शतक है। सहवाग ऐसे बल्लेबाज थे जो पहली गेंद से ही बाउंड्री जड़ने में विश्वास रखते थे।