महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास की अटकलों का दौर जारी है। क्रिकेट जगत में हर कोई धोनी के करियर को लेकर बयान दे रहा है। पहले संभावना जताई जा रही थी कि वह विश्वकप के बाद संन्यास लेंगे लेकिन अब अटकलें लग रही हैं कि वह अगले टी-20 विश्वकप तक टीम के साथ बने रहेंगे। हालांकि, अभी पुख्ता जानकारी किसी के पास नहीं है कि वह क्या करेंगे? इस बीच भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने धोनी के संन्यास को लेकर बयान दिया है।
वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि अगर चयनकर्ताओं को लगता है कि धोनी टीम में योगदान नहीं दे पा रहे हैं तो फिर उन्हें साफ कर देना चाहिए कि वे उन्हें आखिरी सीरीज में खेलने का मौका दे रहे हैं। खिलाड़ी और चयनकर्ताओं के बीच हमेशा पारदर्शिता होनी चाहिए। धोनी को संन्यास कब लेना है, यह उनका निजी फैसला है। अगर उन्हें लगता है कि वह फिट हैं और पहले की तरह टीम को अपना योगदान दे सकते हैं तो उनके खेलते रहने में किसी को कोई हर्ज नहीं होना चाहिए। फिर भी अगर चयनकर्ताओं को लगता है कि धोनी अब योगदान नहीं दे सकते हैं तो उन्हें साफ कर देना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि मुझे नहीं पता कि चयनकर्ता खिलाड़ी से बात कर रहे हैं या नहीं। हमने सिर्फ एमएसके प्रसाद को यह कहते हुए सुना था कि धोनी को यह संदेश दे दिया गया है कि वह ही पहली पसंद नहीं हैं। उनका कहने का मतलब था कि पहले ऋषभ पंत को चुना जाएगा और फिर जरूरत पड़ी तो धोनी को लिया जाएगा। यह संभव नहीं है। एक समय के बाद धोनी को चयनकर्ताओं से बात करनी चाहिए और अपने रिटायरमेंट के लिए पूछना चाहिए। हालांकि, यह तभी होगा, जब धोनी को संन्यास लेने के लिए सही समय लगेगा।
रिटायरमेंट के समय खिलाड़ियों को होने वाली परेशानी पर सहवाग ने कहा कि इसमें बोर्ड की नहीं बल्कि चयनकर्ताओं की गलती है। चयनकर्ताओं को खिलाड़ियों से बात करनी चाहिए। संवादहीनता एक बड़ी समस्या है। मुझसे भी इस बारे में किसी ने कुछ नहीं पूछा था। मेरे जैसे बहुत से खिलाड़ी होंगे, जिन्हें इस दौर से गुजरना पड़ा होगा।
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