पूर्व भारतीय ओपनर वीरेंदर सहवाग (Virender Sehwag) ने 2011 वर्ल्ड कप फाइनल से जुड़े एक मजेदार वाकये के बारे में बताया है। सहवाग ने बताया कि किस तरह विकेट को देखकर वो और सचिन काफी खुश हुए थे लेकिन उनमें से कोई भी रन नहीं बना पाया था।
भारतीय टीम ने 2011 के वर्ल्ड कप फाइनल में श्रीलंका को हराकर दूसरी बार टाइटल अपने नाम किया था। श्रीलंका की टीम ने पहले खेलते हुए 274 रन बनाए थे और भारतीय टीम ने इस टार्गेट को आसानी से हासिल कर लिया था। हालांकि टीम इंडिया के दोनों ही ओपनर्स का परफॉर्मेंस इस मुकाबले में अच्छा नहीं रहा था। वीरेंदर सहवाग पहले ही ओवर में बिना खाता खोले आउट हो गए थे। वहीं सचिन तेंदुलकर भी कुछ ओवर के बाद आउट हो गए थे।
वीरेंदर सहवाग ने बताया कि किस तरह पिच को देखकर वो और सचिन काफी खुश हुए थे
वीरेंदर सहवाग ने बताया कि जब श्रीलंका की टीम बल्लेबाजी कर रही थी तो पिच को देखकर वो और सचिन काफी खुश हुए थे। क्रिकबज्ज पर बातचीत के दौरान सहवाग ने कहा,
मैं आपको 2011 वर्ल्ड कप फाइनल की एक कहानी बताता हूं। सचिन तेंदुलकर मिडविकेट पर खड़े थे और मैं डीप स्क्वायर लेग में था। जब सूरज डूबने लगा तो हमने देखा कि विकेट पर काफी शाइन थी। हम दोनों ने एक दूसरे को देखा और इशारा किया कि इस विकेट पर खेलने में काफी मजा आएगा। हालांकि हममें से कोई भी रन नहीं बना सका। इसलिए विकेट चाहे जैसी भी हो जब आप अच्छे लय में होंगे तभी रन बना पाएंगे।
आपको बता दें कि सहवाग और सचिन के जल्द आउट होने के बाद गौतम गंभीर और एम एस धोनी ने बेहतरीन पारियां खेलकर भारतीय टीम को जीत दिलाई थी।