वीरेंदर सहवाग (Virender Sehwag) अक्सर अपने करियर से जुड़े किस्से शेयर करते रहते हैं और कमेंट्री के दौरान भी मस्ती मजाक वाले मूड में होते हैं। इस तरह एक बार फिर से उन्होंने अपने करियर से जुड़ी एक बड़ी बात बताई है। सहवाग ने बताया कि कैसे वह मिडिल ऑर्डर में खेलते हुए एक ओपनर बल्लेबाज बन गए और सौरव गांगुली ने उनका काफी समर्थन किया था।
सोनी स्पोर्ट्स पर बातचीत में सहवाग ने कहा कि मैं जब आया था तब मध्यक्रम में खेलता था। इसके बाद सौरव गांगुली ने मुझे ओपन करने के लिए कहा। मैंने सोचा कि मैं मध्यक्रम का बल्लेबाज हूँ और ऊपर खेलकर फ्लॉप हो गया तो टीम से बाहर हो जाऊँगा। दादा ने मुझसे कहा कि आप ओपनर के तौर पर फ्लॉप भी हो गए, तो मैं आपको बाहर नहीं करके मिडिल ऑर्डर में फिर से मौका दूंगा। इसके बाद मैं ओपनर बन गया।
सहवाग ने यह भी कहा कि मैं घरेलू क्रिकेट में नम्बर 6 या 7 पर खेलता था और उस समय स्पिनर खेलने के लिए मिलते हैं तो बड़े शॉट लगाता था। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आने के बाद मुझसे समझ में आया कि यहाँ एक स्पिनर होगा और बाकी तेज गेंदबाज होंगे। इसलिए मैंने फिर तेज गेंदबाजों के खिलाफ खेलने के लिए भी अभ्यास किया।
पूर्व भारतीय बल्लेबाज ने कहा कि मध्यक्रम में खेलो या ओपनर के तौर पर खेलो। खराब गेंदों को वहां भी मारना होता है और ऊपर खेलकर भी मारना होता है। मैंने वही किया। जो गेंद मुझे मारने वाली लगी, मैंने शॉट लगाए।
इसके अलावा वीरेंदर सहवाग ने रन आउट को लेकर भी एक किस्सा शेयर करते हुए कहा कि 2011 वर्ल्ड कप में सचिन तेंदुलकर मेरे साथ खेलते हुए रन आउट हो गए थे। उसके बाद मैं क्रीज पर टिककर खेला और 47 तक वहीँ रहा। मेरी पारी के बाद वापस जाने पर सचिन तेंदुलकर रिलैक्स बैठे और उन्होंने कहा कि मेरी ही गलती थी। वीरू ने कहा कि मैंने अपने करियर में भारतीय टीम के कई बल्लेबाजों को रन आउट कराया है।
यह पूरी बातचीत भारत और इंग्लैंड के बीच पहले टेस्ट का तीसरा दिन शुरू होने से पहले हुई। इस दौरान सुनील गावस्कर भी सहवाग के साथ मौजूद थे।