भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग टेस्ट मैचों में रोहित शर्मा को मौका ना दिए जाने के फैसले से चयनकर्ताओं और टीम मैनेजमेंट से नाराज हैं। उन्होंने चयनकर्ताओं पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि रोहित को टेस्ट क्रिकेट में खेलने के ज्यादा मौके क्यों नहीं दिए गए हैं। सीमित ओवरों के प्रारूप में रोहित ने कमाल का प्रदर्शन किया है, लेकिन 2013 में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने के बाद से उन्हें टेस्ट टीम में ज्यादा मौका नहीं मिला है और उन्हें टीम से बाहर रखा गया है।
सहवाग ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि रोहित का रिकॉर्ड खराब नहीं है। उन्होंने बहुत अच्छी शुरुआत की थी। उन्होंने कितने टेस्ट खेले हैं? अगर उन्हें लगातार टेस्ट मैच खेलने का मौका दिया जाता तो वह निश्चित ही बेहतरीन प्रदर्शन करते। सहवाग ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, कि 'ये मौके का खेल है, आपको मौके पर चौका मारना होगा।
सहवाग ने आगे कहा कि "वन-फॉर्मेट" खिलाड़ी के रूप में किसी को रेटिंग देना हमेशा सही कदम नहीं हो सकता है। सहवाग ने चेतेश्वर पुजारा का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हें केवल टेस्ट खिलाड़ी के रूप में देखा जाता है, लेकिन लिस्ट ए क्रिकेट में उनका औसत पचास से अधिक है और उन्होंने टी -20 शतक भी लगाया है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को ही यह तय करना होता है कि वह किस प्रारूप में सफल हो सकते हैं,
आपको बता दें कि रोहित शर्मा 32 वर्ष के हैं और उन्होंने सिर्फ 27 टेस्ट मैच खेले हैं। रोहित ने इस दौरान 39.62 की औसत से 1585 रन बनाए हैं, जिसमें तीन शतक और 10 अर्धशतक शामिल हैं। वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में हनुमा विहारी को मौका दिया गया है, जबकि रोहित शर्मा को प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया गया है।
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