आईपीएल के इस सीजन से चीन की कम्पनी विवो मोबाइल टाइटल स्पॉन्सर से खुद ही हट गया है। खबरों के अनुसार इस साल आईपीएल से हटने के बाद विवो अगले साल फिर से जुड़ेगा। इसके अलावा भी विवो आईपीएल 2022 में भी आईपीएल के साथ रहेगा। इस साल के लिए बीसीसीआई को आईपीएल का टाइटल स्पॉन्सर खोजना होगा। विवो को स्पॉन्सर रखने से बीसीसीआई के फैसले का विरोध पहले ही हो रहा था।
खबरों के अनुसार विवो ने खुद ही हटने का फैसला लेते हुए अगले साल और 2022 में आईपीएल से जुड़ने की बात कही है। आईपीएल के साथ विवो मोबाइल का करार 2022 तक है। हर साल बीसीसीआई को विवो से 440 करोड़ रूपये करार के मिलते हैं। अब देखना होगा कि इस साल नया आईपीएल स्पॉन्सर कौन सी कम्पनी और देश से होता है।
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आईपीएल से विवो का 5 साल का करार
विवो मोबाइल का आईपीएल में पांच साल तक के लिए करार है। हर साल बीसीसीआई को विवो मोबाइल से टाइटल स्पॉन्सर के रूप में 440 करोड़ रूपये का भुगतान किया जाता है। अब देखने वाली बात यही होगी कि नए स्पॉन्सर के रूप में बीसीसीआई किसे रखती है। भारतीय टीम की किट स्पॉन्सर के रूप में पहले से ही बीसीसीआई ने बिड प्रक्रिया शुरू कर दी है।
कोरोना वायरस के बाद तमाम विकल्पों को तलाशते हुए बीसीसीआई ने सितम्बर में आईपीएल आयोजित करने का फैसला लिया। चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर भारत में चीनी सामानों के खिलाफ एक अभियान चल रहा है। लोगों की भावनाएं देश के साथ जुड़ी हुई है। ऐसे में आईपीएल के स्पॉन्सर के रूप में विवो को बरकरार रखने पर भी सवाल खड़े हुए थे।
आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल की मीटिंग में विवो मोबाइल को टाइटल स्पॉन्सर के रूप में बरकरार रखने का फैसला लिया गया था। इसका विरोध भी होने लगा था और भारतीय ट्रेड फेडरेशन ने केन्द्रीय गृह मन्त्री और विदेश मन्त्री को आईपीएल आयोजन की मंजूरी वापस लेने से सम्बन्धित पत्र भी लिख दिया गया था। विवो मोबाइल के नहीं रहने से बीसीसीआई को नए स्पॉन्सर की तलाश करनी होगी।