पाकिस्तान के तेज गेंदबाज वहाब रियाज़ (Wahab Riaz) ने सभी टी-20 क्रिकेट को मिलाकर 400 विकेट अपने नाम कर लिए हैं। ऐसा करने वाले वो पाकिस्तान (Pakistan Cricket Team) के पहले और दुनिया के छठें गेंदबाज बन गए हैं। इस लिस्ट में पहले नंबर पर वेस्टइंडीज के ड्वेन ब्रावो (Dwayne Bravo) हैं। अपनी इस उपलब्धि के बारे में बात करते हुए वहाब रियाज़ ने राष्ट्रीय टीम में अपने करियर को लेकर भी खुलकर बात की।
पूर्व पाकिस्तानी कप्तान सलमान बट के यूट्यूब चैनल पर वहाब रियाज ने कहा कि पाकिस्तान के लिए वापसी करके खेलना ही उनके लिए मोटिवेशन यानी प्रेरणा का काम करता है। उसी प्रेरणा की वजह से वो अन्य टी-20 लीग में विकेट ले पा रहे हैं।
37 वर्षीय वहाब रियाज ने पाकिस्तान के लिए सभी फॉर्मेट को मिलाकर कुल 154 मैच खेले हैं और 33.55 की औसत से 237 विकेट चटकाए हैं। बाएं हाथ के गेंदबाज ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच दिसंबर 2020 में हुए न्यूजीलैंड दौरे पर खेला था। वह पिछले दो टी-20 वर्ल्ड कप से अलग-अलग ब्रॉडकास्टर्स के लिए क्रिकेट एक्सपर्ट का काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी भी पाकिस्तान के लिए वापसी करने की उम्मीद है।
उन्होंने यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए कहा,
एक समय पर मुझे भी लगा था कि मेरा करियर खत्म हो चुका है और शायद अब मैं कभी खेल भी नहीं पाऊंगा। पाकिस्तान के लिए दोबारा खेलने की भूख ही अभी भी मेरे लिए सबसे बड़ी मोटिवेशन है। इसलिए मैं अब जहां भी खेलता हूं, वहां मैं अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करता हूं क्योंकि क्या पता कब दोबारा से पाकिस्तान के लिए खेलने का मौका मिल जाए। मेरी इच्छा है कि मैं क्रिकेट छोड़ने से पहले फिर से पाकिस्तान के लिए खेलूं और सेवा करूँ।
रियाज़ इस वक्त बांग्लादेश प्रीमियर लीग (BPL) 2023 में खुलना टाइगर्स (Khulna Tigers) की ओर से खेल रहे हैं। इस टूर्नामेंट के 5 मैचों में उन्होंने 11 विकेट लिए हैं और अभी तक इस लीग में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज भी हैं।
वहाब ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड में खिलाड़ियों को चुनने के लिए बनाए गए गलत पैमानों पर भी सवाल उठाए। उनका मानना है कि किसी भी खिलाड़ी का सिलेक्शन उसके प्रदर्शन और फिटनेस को देखकर करना चाहिए ना कि उसकी उम्र।
इसके अलावा पाकिस्तान क्रिकेट के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा,
यहां एक सोच है कि अगर कोई खिलाड़ी 35 का हो गया तो वो अब टीम में दोबारा वापसी नहीं करेगा। मेरे हिसाब से यह सोच ठीक नहीं है। जो खिलाड़ी फिट है और अच्छा परफॉर्म कर रहा है, उसे मौका मिलना चाहिए। अगर कोई 30 साल का भी है और अच्छा परफॉर्म नहीं कर रहा या फिट नहीं है तो उसे मौका नहीं मिलना चाहिए।