वसीम अकरम ने चेन्नई टेस्ट मैच में सचिन तेंदुलकर के विकेट को लेकर किया बड़ा खुलासा

Cricket All-Stars Series - Citi Field
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पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज वसीम अकरम (Wasim Akram) ने खुलासा किया है कि किस तरह चेन्नई टेस्ट मैच में भारत के खिलाफ सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) का विकेट सकलैन मुश्ताक उनकी एक अहम सलाह के बाद ले पाए थे।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में चेन्नई में खेला गया टेस्ट मैच काफी ऐतिहासिक रहा था। पाकिस्तानी टीम ने इस मैच में भारतीय टीम को रोमांचक तरीके से 12 रनों से हराया था। उस मुकाबले में पाकिस्तान के दिग्गज स्पिनर सकलैन मुश्ताक ने सचिन तेंदुलकर को दोनों ही पारियों में आउट किया था। हालांकि दूसरी पारी में उनका विकेट काफी अहम था क्योंकि अगर सचिन तेंदुलकर आउट ना होते तो भारतीय टीम को मैच जिता देते।

पाकिस्तान ने पहले खेलते हुए अपनी पहली पारी में 238 रन बनाए थे। इसके जवाब में भारत ने पहली पारी में 254 रन बनाए। सचिन तेंदुलकर बिना खाता खोले ही आउट हो गए। दूसरी पारी में पाकिस्तान ने 286 रन बनाए और भारत को 271 रनों का टार्गेट दिया।

हालांकि भारतीय टीम सिर्फ 82 रनों पर 5 विकेट गंवाकर काफी मुश्किल में आ गई थी। इसके बाद सचिन तेंदुलकर और नयन मोंगिया ने छठे विकेट के लिए 136 रनों की साझेदारी कर भारतीय टीम की मैच में वापसी करा दी। मोंगिया 52 रन बनाकर आउट हो गए लेकिन सचिन तेंदुलकर एक छोर पर टिके रहे। जब लगा कि वो अकेले दम पर भारत को जीत दिला देंगे तभी सकलैन मुश्ताक ने एक बेहतरीन गेंद पर उन्हें वसीम अकरम के हाथों कैच आउट करा दिया। सचिन तेंदुलकर 136 रनों की बेहतरीन पारी खेलकर आउट हुए और भारत वो मुकाबला हार गया।

वसीम अकरम के सलाह की वजह से सचिन तेंदुलकर हुए थे आउट

वसीम अकरम ने इस टेस्ट मैच को याद करते हुए खासतौर पर तेंदुलकर के विकेट का जिक्र किया। स्पोर्टस्टार से बातचीत में उन्होंने कहा,

चेन्नई टेस्ट मैच मेरे लिए काफी खास है। काफी गर्मी पड़ रही थी और पिच पूरी तरह से खुल गई थी और हमें काफी सूट कर रही थी क्योंकि हम गेंद को रिवर्स स्विंग करा रहे थे। इसके अलावा हमारे पास सकलैन मुश्ताक के रूप में एक बेहतरीन स्पिनर भी था। उस वक्त उनके अलावा 'दूसरा' कोई नहीं डाल सकता था। पहली पारी के बाद सचिन तेंदुलकर ने उन्हें काफी अच्छी तरह से खेला। जब भी सकलैन 'दूसरा' डालते थे सचिन कीपर के पीछे उसे खेल देते थे और इसी वजह से सचिन सबसे महान बल्लेबाज हैं।
भारत को जीतने के लिए 20 के आस-पास रनों की जरूरत थी। तेंदुलकर 136 पर बैटिंग कर रहे थे और मैंने सकलैन से कहा कि वो अपना 'दूसरा' ऑफ स्टंप के बाहर डालें और गेंद को थोड़ी हवा दें। सचिन इसको मिडविकेट पर मारने का प्रयास कर सकते हैं और यही हुआ। सचिन ने उस पर छक्का लगाने का प्रयास किया और मैंने कैच पकड़ लिया।

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