भारतीय ओपनर बल्लेबाज वसीम जाफर ने क्रिकेट के सभी प्रारूप से संन्यास का ऐलान कर दिया। दो दशक तक उन्होंने इस खेल से दर्शकों और क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीता। 42 वर्षीय जाफर ने भारत के लिए 31 टेस्ट मैचों में शिरकत की। लम्बे प्रारूप में उनके नाम 5 शतक और 11 अर्धशतक है। इस दौरान जाफर ने 212 रन का उच्च स्कोर भी बनाया।
जाफर ने संन्यास को लेकर कहा
"मैं अपने परिवार, भाइयों और दोस्तों का शुक्रिया अदा करता हूँ। ह्रदय से चयनकर्ताओं का भी धन्यवाद करता हूँ जिन्होंने मुझ पर भरोसा जताया। मैं उन प्रेफेशनल्स और कोच का भी धन्यवाद करता हूँ जिन्होंने मेरे कौशल को निखारा।"
वसीम जाफर उन भारतीय खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्होंने वेस्टइंडीज में टेस्ट खेलते हुए दोहरा शतक जड़ा। उन्होंने 212 रन की पारी सेंट लूसिया में खेली। वनडे क्रिकेट में उन्होंने 2006 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ डेब्यू किया था। हालाँकि उन्हें घरेलू क्रिकेट में शानदार रिकॉर्ड के लिए जाना जाता है। रणजी ट्रॉफी में उनके नाम बारह हजार रन है और ऐसा करने वाले वे पहले खिलाड़ी हैं।
करियर में ज्यादातर समय जाफर ने मुंबई के लिए ही क्रिकेट खेला, इसके बाद उन्होंने विदर्भ का भी प्रतिनिधित्व किया। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में जाफर ने 19 हजार से भी ज्यादा रन बनाए हैं और यह कोई मामूली बात नहीं है। रणजी ट्रॉफी के लिए उनका नाम हमेशा टॉप में देखा जाएगा। हालाँकि इतनी प्रतिभा के बाद भी भारतीय टीम में उन्हें ज्यादा खेलने का मौका नहीं मिला यह आश्चर्यजनक बात है। वनडे और टी20 क्रिकेट के अलावा आईपीएल में भी वे सफल नहीं रहे लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने दो बार दोहरे शतक जड़े हैं। उन्हें भारतीय टीम के लिए और मौके मिलने चाहिए थे।