पूर्व भारतीय खिलाड़ी वसीम जाफर ने गेंद पर सलाइवा इस्तेमाल करने पर प्रतिबन्ध लगाने की सिफारिश को लेकर बयान दिया है। वसीम जाफर ने वर्ल्ड क्रिकेट बॉडी से अनुरोध करते हुए कहा कि ऐसा करने से गेंदबाजों के लिए कार्य मुश्किल हो जाएगा। वसीम जाफर ने कहा कि गेंद और बल्ले के बीच संतुलन बनाकर रखना चाहिए।
इन्डियन ऑयल के कर्मचारियों से बातचीत में वसीम जाफर ने कहा कि आईसीसी ने सलाइवा का इस्तेमाल नहीं करने जैसे हल के बारे में सोचा है। सलाइवा का इस्तेमाल नहीं करने और गेंद को नहीं चमकाने से गेंदबाजों के लिए मुश्किल होगी। मुझे लगता है ऐसा करने से बल्लेबाजों के लिए काफी आसानी रहेगी।
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वसीम जाफर ने दो गेंद का सुझाव दिया
वसीम जाफर ने कहा कि गेंदबाज और बल्लेबाज के लिए बराबरी के लिए संतुलन बनाना चाहिए। आईसीसी को सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी के लिए भी यह एकतरफा नहीं हो। वसीम जाफर ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में दो नई गेंद इस्तेमाल की जानी चाहिए। इसके अलावा पिच क्यूरेटर को ऐसी पिच बनानी चाहिए जिसमें गेंदबाज और बल्लेबाज दोनों के लिए ही मदद नहीं हो।
इसके अलावा जाफर के यह भी मानना है कि तीव्र गेम में खिलाड़ियों के लिए नए नियम ध्यान में रखना आसान नहीं होगा। उन्होंने ओवर के बीच में या बाद में बल्लेबाजों द्वारा आपस में बातचीत करने का उदाहरण देते हुए यह प्रतिक्रिया दी। चौका या छक्का लगने पर भी खिलाड़ी करीब जाकर उसका जश्न मनाते हैं। इन सभी बातों को ध्यान में रखना खिलाड़ियों के लिए आसान नहीं होगा।
गौरतलब है कि आईसीसी क्रिकेट कमेटी ने अंतरिम रूप से गेंद पर सलाइवा का इस्तेमाल बैन करने की सिफारिश की है। इस कमेटी के अध्यक्ष पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले हैं। हालांकि इस पर फैसला आईसीसी को ही लेना है।फ़िलहाल इस मामले पर अलग-अलग खिलाड़ियों की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। आईसीसी को अपनी मीटिंग में कई फैसले लेने हैं। इंग्लैंड के खिलाफ अगले महीने वेस्टइंडीज की टीम टेस्ट सीरीज खेलेगी। उससे पहले नए नियमों और बदलाव के बारे में निश्चित रूप से चीजें स्पष्ट होंगी।