टेस्ट क्रिकेट में 11,953 और एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में 10,405 रन बनाने वाले वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज ब्रायन लारा ने नारियल की शाखा से बने बल्ले से क्रिकेट की शुरुआत की थी। तब वह सिर्फ चार साल के ही थे। बीते दिनों ब्रायन लारा ने अपनी जिंदगी के खास पलों का खुलासा किया। लारा ने बताया कि कैसे उन्होंने आईसीसी क्रिकेट 360 से अपने करियर की शुरुआत की। साथ ही उन्होंने एक महान क्रिकेटर बनने के पीछे पिता के त्याग से भी सबको रूबरू कराया।
लारा ने बताया कि सभी जानते हैं कि कैरेबिया उष्णकटिबंधीय क्षेत्र है। वहां नारियल के पेड़ बहुत होते हैं। मैं जब चार साल का था, तब मेरे भाई ने नारियल के पेड़ की शाखा को क्रिकेट के बैट का आकार दिया। वो बिल्कुल पेंटिंग करने वाले ब्रश की तरह था। मैं गली क्रिकेट में विश्वास रखता था। इसका मतलब है कि मुझे जहां जो चीज दिख जाती थी, उससे खेलने लगता था। चाहे वो फिर सख्त संतरे हों, नींबू हो, कंचे हों या फिर कुछ और। सड़क हो या घर के पीछे का हिस्सा या मैदान, जहां मुझे मौका मिलता, वहां मैं खेलता था। मेरा सिर्फ क्रिकेट ही नहीं बल्कि कई और स्पोर्ट्स में इंट्रेस्ट था और मैं उन्हें खेलता भी था। मैंने फुटबॉल से लेकर टेबल टेनिस तक खेला है। पर बाद में मुझे अहसास हुआ कि मैं जितना अच्छा क्रिकेट में हूं, उतना बेहतर और किसी खेल में नहीं हूं।
क्रिकेटर बनने की पीछे मेरे पिता की कुर्बानी है। उन्हें क्रिकेट पसंद था और वो गांव में एक लीग चलाते थे। मुझे क्रिकेट से रिलेटेड हर चीज मिले, इसके लिए उन्होंने बहुत बलिदान दिया है। पिता की वजह से ही मेरा क्रिकेट में रुझान ज्यादा बढ़ा। पापा चाहते थे कि मैं फुटबॉल कम और क्रिकेट ज्यादा खेलूं। अगर वो मुझ पर इतनी मेहनत न करते तो मैं आज इस मुकाम पर न पहुंच पाता।
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