भारतीय टीम में कई बेहतरीन गेंदबाज आए हैं और आते जा रहे हैं। स्पिनर और तेज गेंदबाजों ने भारतीय टीम को टेस्ट क्रिकेट में कई मैच जिताए हैं। कई बार ऐसा भी हुआ है जब उन्हें विपक्षी टीम के खिलाफ विकेट के लिए तरसना पड़ा हो। ऐसा ही एक मैच वेस्टइंडीज में हुआ था जहाँ भारतीय टीम के सभी 11 खिलाड़ियों ने गेंदबाजी की थी। ख़ास बात यह रही कि भारतीय टीम के पार्ट टाइम गेंदबाजों ने इसमें 6 विकेट झटके।
भारतीय टीम 2002 में जब वेस्टइंडीज गई थी तब एंटिगा में सीरीज के चौथे टेस्ट मैच में भारतीय टीम के सभी ग्यारह खिलाड़ी गेंदबाजी करने उतरे थे। इस मैच में अजय रात्रा भारत के विकेटकीपर थे और उन्होंने भी एक ओवर गेंदबाजी की थी। दोनों टीमों की तरफ से इस मुकाबले में रनों का अम्बार लगा था लेकिन सचिन तेंदुलकर पहली पारी में जीरो पर आउट हो गए थे। गेंदबाजी के दौरान सचिन तेंदुलकर को 2, वसीम जाफर को 2 और राहुल द्रविड़ तथा वीवीएस लक्ष्मण को एक-एक विकेट मिला।
2 भारतीय बल्लेबाजों ने जड़े शतक
वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर भारत को बल्लेबाजी के लिए कहा। ओपनर बल्लेबाज शिव सुन्दर दास 3 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद राहुल द्रविड़ ने 91 और वसीम जाफर ने 86 रन बनाए। सचिन जीरो पर आउट हो गए थे लेकिन वीवीएस लक्ष्मण ने क्रीज पर टिककर बल्लेबाजी करते हुए 130 रन बनाए। सौरव गांगुली 45 रन पर पवेलियन लौट गए थे लेकिन उस समय के नए विकेटकीपर बल्लेबाज अजय रात्रा ने बेहतरीन 115 रन बनाए और टीम ने 9 विकेट पर 513 रन बनाकर पारी घोषित की।
वेस्टइंडीज ने भी अपनी बल्लेबाजी के दौरान भारत की तरह शानदार बल्लेबाजी की। चार विकेट 196 रन पर गिरने के बाद उनके बल्लेबाजों ने भारत को विकेट नहीं दिया। कार्ल हूपर ने 136 और शिवनारायण चन्द्रपॉल ने 136 रन बनाए। विकेटकीपर बल्लेबाज रिडले जैकब्स ने भी 118 रन बनाए। विकेट के लिए टीम इंडिया तरस रही थी इसलिए कप्तान सौरव गांगुली ने सभी गेंदबाजों को आजमाया तब पार्ट टाइम गेंदबाजों को विकेट मिले लेकिन मैच ड्रॉ रहा। विंडीज ने पहली पारी 9 विकेट पर 629 रन बनाकर घोषित की, अजय रात्रा मैन ऑफ़ द मैच चुने गए।