Fake IPL Exposed in Gujarat: क्रिकेट और सट्टेबाजी का बेहद गहरा नाता है। लीग क्रिकेट की शुरुआत के बाद से सट्टेबाजी में भारी इजाफा देखा गया है। टॉस, टीम और खिलाड़ी से लेकर मैच में जीत-हार तक सट्टा बाजार में करोड़ों रूपए इधर से उधर हो जाते हैं। जाहिर तौर पर भारत में सट्टेबाजी पूरी तरह प्रतिबंधित है, लेकिन बावजूद इसके इस गैरकानूनी पेशे से जुड़े लोगों ने इसे जारी रखने के लिए अपने तरीके खोज निकाले हैं। मोबाइल एप्स या वेबसाइट के माध्यम से दुनियाभर के लोग आईपीएल समेत कई लीग क्रिकेट में सट्टा लगाते हैं। बीते समय में 2022 के दौरान भारत से भी एक ऐसे ही मामले का खुलासा हुआ था, लेकिन यह सामान्य से थोड़ा अलग था।
आमतौर पर वास्तविक तौर पर जारी क्रिकेट टूर्नामेंट में सट्टा लगाने की खबरें आम हैं, लेकिन गुजरात से सामने आए एक मामले में गांव के किसानों ने अपनी खुद की फर्जी आईपीएल लीग शुरु कर दी, जिसका सीधा प्रसारण वह यूट्यूब पर दे रहे थे। उन्होंने इसका नाम "इंडियन प्रीमियर क्रिकेट लीग" रखा था। जुलाई 2022 के दौरान पुलिस ने इस मामले का खुलासा किया था। इस फर्जी क्रिकेट लीग की शुरुआत रूसी सट्टेबाजों को मोटी चपत लगाने के लिए की गई थी। वह एक टेलीग्राम चैनल के माध्यम से मैच में पैसे लगाते थे और उसी के आधार पर अंपायर, गेंदबाज और बल्लेबाज को आगे के निर्णय के लिए आगाह कर दिया जाता था। आयोजकों ने इस आयोजन के लिए पश्चिमी गुजरात इलाके में एक खेत लीज पर लिया था। फर्जी लीग का खुलासा करने के बाद पुलिस ने इससे जुड़ी विभिन्न जानकारियां साझा की थी।
खेले जा चुके थे क्वार्टर फाइनल से पहले तक के मुकाबले
इस फर्जी आईपीएल का खुलासा करने वाले पुलिस अधिकारी ने बताया था कि टूर्नामेंट अपने क्वार्टर फाइनल स्टेज पर पहुंच गया था। आयोजकों ने पिच, बाउंड्री लाइन और हैलोजेन लाइट का इंतजाम किया था, जिससे सब वास्तविक लग सके। साथ ही उन्होंने बेहतरीन कैमरा और स्कोरकार्ड दिखाने के लिए कंप्यूटर ग्राफिक्स का भी इस्तेमाल किया था, जिसका लाइव टेलीकास्ट आईपीएल नामक यूट्यूब चैनल पर किया जा रहा था। इस फर्जी मुकाबले के लिए खेतों पर काम करने वाले किसानों को 400 रुपए प्रति मैच दिए गए थे। सभी खिलाड़ियों को आईपीएल के टीमों वाली जर्सी भी दी गई थी। रूसी सट्टेबाजों के लिए बिछाया गया यह जाल काफी हद तक सफल भी रहा, लेकिन पुलिस ने अधिक क्षति होने से पहले ही इसका खुलासा कर दिया।