पाकिस्तान टीम के पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने अपने करियर को याद करते हुए एक बड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि जब हम लोग क्रिकेट खेलते तो अगर कोई मैच हार जाते थे तो फिर हमारे खिलाफ इंक्वायरी बैठ जाती थी और जांच होने लगती थी। हालांकि आजकल के समय में फाइनल भी हार जाएं तो लोग कहते हैं कि बच्चों को कुछ ना कहो।
दरअसल शोएब अख्तर पाकिस्तान के न्यूज चैनल सुनो टीवी पर एक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे। इस दौरान उनसे सवाल पूछा गया कि किस तरह से इंग्लैंड ने जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड जैसे खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेट के लिए तैयार किया और ये जोड़ी काफी सफल रही। अब जेम्स एंडरसन टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज बन गए हैं।
आजकल के खिलाड़ियों को कुछ नहीं कहा जाता है - शोएब अख्तर
शोएब अख्तर ने इसके जवाब में कहा 'मसला ये है कि वहां पर प्लेयर्स बनाए जाते हैं। हमारे यहां अगर कोई प्लेयर आ जाता है तो फिर हम पूरी कोशिश में लग जाते हैं कि इसे कब खत्म करना है। अगर कोई कप्तान बन गया तो उसे निकालना कब है। बोर्ड, कप्तान और मीडिया की पहली जंग शुरू हो जाती है कि इसे कब निकालें। हालांकि अब समय चेंज हो गया है। हम वर्ल्ड कप हारे थे तो हमारे खिलाफ इंक्वायरी बैठ गई थी। हमको टीम से ड्रॉप कर दिया गया था। अब जब हम वर्ल्ड कप हार जाते हैं तो कोई फर्क नहीं पड़ता है। यहां तक कि फाइनल भी हार जाते हैं तो फिर लोग कहते हैं कि बच्चों को कुछ ना कहना प्लीज।'
शोएब अख्तर ने आगे कहा 'जब हम लोग 1996 का क्वार्टरफाइनल हार गए थे तो क्या हुआ था। उस वक्त हमें इतना लाड-प्यार नहीं दिया जाता था। आजकल दो-दो फाइनल हारने के बाद भी आपको कुछ नहीं कहा जाता है।'