बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के बाद जिस तरह सौरव गांगुली तेजी से काम करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, उससे यही कहा जा सकता है कि उनका इस पद पर आना एक सही फैसला है। पद सँभालने के एक सप्ताह बाद ही उन्होंने अपनी प्राथमिकताओं पर काम करन शुरू कर दिया। जो उन्होंने अध्यक्ष पद के लिए पर्चा भरते वक्त कहा था, वही चीजें जमीन पर जल्दी ही पूर्ण रूप से लाने के लिए काम करते हुए दादा को देखा जा सकता है।
पद सँभालने के बाद अब तक गांगुली ने दो बड़े काम किये हैं। पहला यह कि उन्होंने घरेलू क्रिकेट के खिलाड़ियों को अनुबंध प्रणाली में लाने के लिए काम शुरू किया है। इसके लिए उन्होंने वित्त कमेटी को एक संरचना बनाने के लिए भी कहा है और चीजें चल रही है। दूसरा काम भारत में आयोजित होने वाला पहला डे-नाइट टेस्ट मैच है। किसी ने नहीं सोचा था कि अध्यक्ष बनने के बाद पहली टेस्ट सीरीज में ही भारत रात में टेस्ट मैच खेलेगा और गांगुली इसे संभव बनाएंगे। उन्होंने विराट कोहली सहित बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड से बातचीत कर बहुत ही कम समय में डे-नाइट टेस्ट मैच का रास्ता साफ़ कर दिया।
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सौरव गांगुली ने यह भी कहा था कि वे बीसीसीआई की खोई हुई प्रतिष्ठा वापस लाएंगे। सही मायनों में देखा जाए तो वे हर काम को तेजी से करने में विश्वास रखते हैं। अलग-अलग जगह पर मीटिंग करना, सलाह और सुझाव आदि चीजें उनके हमेशा के काम के हिस्से होते हैं। इसके अलावा हर चीज के लिए वे मीडिया को भी समय-समय पर बताते रहते हैं, जो पहले बीसीसीआई में नहीं देखा गया था।
भारतीय क्रिकेट के भले के लिए सौरव गांगुली को एक निश्चित समय में प्रयास करने हैं और यह उनके दिमाग में है। दस महीने के कार्यकाल में ज्यादा कार्य वे निपटाने के लिए प्रयत्न करेंगे। अभी शुरुआत हुई है आगे वे कई बड़ी चीजें भारतीय क्रिकेट को दे सकते हैं।
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