भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश ने क्रिकेट वर्ल्ड कप के दसवें संस्करण की संयुक्त रूप से मेज़बानी की थी। इस विश्व कप के लिए कुल 14 टीमों ने क्वालीफाई किया था।
तीन बार की डिफेंडिंग चैंपियन ऑस्ट्रेलिया इस विश्व कप को जीतने की प्रबल दावेदार थी और यह उनके कप्तान रिकी पोंटिंग का आख़िरी विश्व कप था। हालाँकि, ऑस्ट्रेलियाई टीम का लगातार चौथी बार विश्व विजेता बनने का सपना भारतीय टीम ने तोड़ दिया था।
विश्व कप 2011 की बात करें तो यह सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी विश्व कप टूर्नामेंटों में से एक था और सभी टीमों के कप्तानों पर इसमें अपनी टीम को जीत दिलाने का दबाव था।
हालांकि, इस विश्व कप के लगभग आठ साल बाद उनमें से कुछ कप्तान संन्यास ले चुके हैं जबकि कुछ अभी भी खेल रहे हैं और कुछ को टीम से बाहर कर दिया गया है। ऐसे में यह जानना बहुत दिलचस्प होगा कि विश्व कप 2011 में अपनी टीमों की कप्तानी करने वाले खिलाड़ी अब कहां हैं।
आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2019 को शुरू होने वाले अब ज़्यादा समय नहीं बचा है, ऐसे में आइये जानते हैं 2011 में अपनी टीम की कप्तानी करने वाले खिलाड़ियों की वर्तमान स्थिति के बारे में :
#1. जिमी कामांडे (केन्या)
2011 विश्व कप में केन्या ने एक सहयोगी टीम की हैसियत से इस टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई किया था और जैसे की उम्मीद थी यह टीम इस विश्व कप में बिना एक भी मैच जीते बाहर हो गई।
विश्व कप में उनके नेतृत्व में टीम के खराब प्रदर्शन के कारण जिमी कामांडे को कप्तान के पद से बर्खास्त कर दिया गया था। इस तरह से इस विश्व कप में ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ अपना अंतिम मैच खेलने के बाद 2011 से कामांडे ने कभी भी मैदान पर कदम नहीं रखा।
वर्तमान में, वह केन्या की अंडर-19 क्रिकेट टीम के मुख्य कोच की भूमिका निभा रहे हैं और केन्याई युवाओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं।
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#2. डैरेन सैमी
डैरेन सैमी लंबे समय से वेस्टइंडीज़ टीम का हिस्सा रहे हैं। 2004 में अपने अंतराष्ट्रीय करियर का आग़ाज़ करने वाले सैमी अभी तक अपने देश के प्रमुख खिलाड़ियों में से एक बने हुए हैं।
सैमी विश्व कप 2011 में वेस्टइंडीज़ के कप्तान थे और उन्होंने अपनी टीम को क्वार्टर फाइनल तक पहुंचाया था जहां पाकिस्तान से हारकर वह टूर्नामेंट से बाहर हो गए थे। हालांकि, इसके बाद सैमी के ही नेतृत्व में, वेस्टइंडीज ने दो बार टी-20 विश्व कप जीता था।
लेकिन अपनी ख़राब फॉर्म की वजह से वह 2015 से ही वेस्टइंडीज़ एकदिवसीय टीम से बाहर हैं और 2016 में उन्हें वेस्टइंडीज़ के टी-20 कप्तान के पद से भी हटा दिया गया, लेकिन फिर भी अपने अनुभव के कारण, वह दुनिया भर की विभिन्न टी -20 लीग्स का अहम हिस्सा हैं।
सैमी वर्तमान में पेशावर जाल्मी (पीएसएल), सेंट लूसिया स्टार्स (सीपीएल) और विंडवर्ड आइलैंड्स क्रिकेट टीम (वेस्टइंडीज प्रथम श्रेणी क्रिकेट टीम) के लिए खेलते हैं और अक्सर आईपीएल में एंकरिंग और कमेंट्री भी करते हैं।
#3. आशीष बागई (कनाडा)
प्रतिभाशाली विकेटकीपर बल्लेबाज़ आशीष बागई ने विश्व कप 2011 में कनाडाई टीम का नेतृत्व किया था।उनके नेतृत्व में, कनाडा ने इस विश्व कप में एक मैच जीता था और उस मैच में बगई ने सबसे अधिक 64 रन बनाए थे।
हालांकि, 2011 विश्व कप के बाद, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी और एमबीए की पढ़ाई करने के लिए उन्होंने क्रिकेट से संन्यास लिए था।
सफलतापूर्वक एमबीए करने के बाद उन्होंने फिर से कनाडा की तरफ से खेलना शुरू किया लेकिन दुर्भाग्य से बगई अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए जिसकी वजह से 2013 में दोबारा उन्होंने क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी।
वर्तमान में कनाडाई क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मैकिन्से एएमपी नाम की कंपनी में एक प्रबंधन सलाहकार के रूप में काम कर रहे हैं। लेकिन, वह मास्टर्स चैंपियंस लीग का हिस्सा थे, जो उनके अंदर क्रिकेट खेलने की इच्छा को दर्शाता है।
#4. शाकिब अल हसन (बांग्लादेश)
शाकिब अल हसन को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडरों में से एक माना जाता है। वर्तमान में शाकिब आईसीसी रैंकिंग में दुनिया के शीर्ष 10 ऑलराउंडरों में तीसरे स्थान पर हैं।
उन्होंने विश्व कप 2011 में बांग्लादेशी टीम का नेतृत्व किया था और उनकी कप्तानी में बांग्लादेश ने उस विश्व कप में 3 मैच जीते थे लेकिन वे नॉकआउट दौरे में प्रवेश करने में असफल रहे थे।
लेकिन, इसने शाकिब अल हसन के व्यक्तिगत प्रदर्शन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा और वह वनडे प्रारूप में दुनिया के नंबर 1 ऑलराउंडर बन कर उभरे। वर्तमान में, शाकिब बांग्लादेश के टेस्ट टीम के कप्तान हैं।
इसके साथ ही शाकिब दुनिया भर में होने वाली टी-20 लीग्स का बेहद अहम हिस्सा हैं। वह बीपीएल में ढाका डायनामाइट्स, पीएसएल में कराची किंग्स, सीपीएल में जमैका तैलवाह और आईपीएल में सनराइज़र्स हैदराबाद की तरफ से खेलते हैं।
#5 एल्टन चिगुंबुरा (जिम्बाब्वे)
एल्टन चिगुंबुरा जिम्बाब्वे के सबसे अनुभवी ऑलराउंडरों में से एक रहे है। अपने शनदार बल्लेबाजी और गेंदबाजी कौशल के साथ, चिगुंबुरा जिम्बाब्वे के सीमित ओवर प्रारूप के बेहतरीन खिलाड़ी हैं।
इसलिए, उन्हें विश्व कप 2011 में टीम की कप्तानी सौंपी गई थी लेकिन ज़िम्बाब्वे टूर्नामेंट में केवल दो ही जीत दर्ज कर सका। विश्व कप में टीम के बुरे प्रदर्शन के बाद चिगुंबुरा की जगह ब्रेंडन टेलर को टीम का नया कप्तान बनाया गया।
लेकिन ब्रेंडन टेलर के संन्यास लेने के बाद, एल्टन चिगुंबुरा को फिर से जिम्बाब्वे के कप्तान के रूप में नामित किया गया लेकिन टीम के लगातार खराब प्रदर्शन की वजह से उन्होंने आखिरकार 2016 में कप्तान पद से इस्तीफ़ा दे दिया।
वर्तमान में, एल्टन चिगुम्बुरा अपने देश के लिए तीनों प्रारूपों में खेलते हैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं। जिम्बाब्वे क्रिकेट टीम में पिछले कुछ वर्षों में बहुत सुधार हुआ है और इसका श्रेय काफी हद तक चिगुंबुरा को जाता है।
#6. एंड्रयू स्ट्रॉस (इंग्लैंड)
एंड्रयू स्ट्रॉस इंग्लैंड के बाएं हाथ के विस्फोटक बल्लेबाज थे।विश्व कप 2011 में उनके नेतृत्व में, इंग्लैंड क्वार्टर फाइनल तक पहुँचा था लेकिन मेजबान श्रीलंका के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में हारकर वे टूर्नामेंट से बाहर हो गए थे।
एंड्रयू स्ट्रॉस एक ऐसे खिलाड़ी थे, जिन्होंने एकदिवसीय और टेस्ट क्रिकेट पर अपना ध्यान केंद्रित किया और दोनों ही प्रारूपों में उनका प्रदर्शन बहुत प्रभावशाली रहा है।
विश्व कप 2011 से बाहर होने के बाद, स्ट्रॉस ने एकदिवसीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया और 100 टेस्ट खेलने के बाद टेस्ट क्रिकेट को भी अलविदा कह दिया। 2015 में हुए विश्व कप के बाद, स्ट्रॉस को बोर्ड में और अधिक पारदर्शिता लाने के लिए इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड के निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था।
हालांकि, कुछ महीने पहले ही कैंसर से जूझ रही अपनी पत्नी और परिवार ख़्याल रखने के लिए उन्होंने ईसीबी के निदेशक पद से इस्तीफ़ा दे दिया।
#7. पीटर बोरेन (नीदरलैंड्स)
पीटर बोरेन एक अच्छे बैटिंग ऑलराउंडर थे, जिन्होंने अपनी टीम नीदरलैंड्स को बड़ी टीमों का डट कर सामना करने का हौसला दिया और विश्व कप 2011 में उसे क्वालीफाई कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आपको बता दें नीदरलैंड्स का प्रतिनिधित्व करने और टीम का कप्तान बनने से पहले पीटर बोरेन न्यूजीलैंड के लिए खेलते थे। बोरेन ने अपनी टीम को एकदिवसीय दर्जे की टीम बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके नेतृत्व में ही डच टीम ने 2017 में आईसीसी विश्व क्रिकेट लीग का खिताब भी जीता था।
2018 के शुरुआती चरण में, नीदरलैंड्स के लिए अपने उल्लेखनीय करियर के बाद बोरेन ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा करने के बाद, वह क्रिकेट की दुनिया से लगभग गायब हो चुके हैं और अपने परिवार के साथ समय बिता रहे हैं।
#8. डेनियल विटोरी (न्यूजीलैंड)
डेनियल विटोरी को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बाएं हाथ के स्पिनरों में से एक माना जाता है और वह अपनी गेंदबाज़ी से हमेशा बल्लेबाज़ों पर हावी रहे हैं। विटोरी की कप्तानी में न्यूजीलैंड ने विश्व कप 2011 में सेमीफाइनल तक का सफ़र तय किया था। हालाँकि, वह सेमीफइनल में श्रीलंका से हारकर ख़िताब की दौड़ से बाहर हो गए थे।
इस विश्व कप के बाद उन्होंने कप्तानी छोड़ दी थी और उनकी जगह रॉस टेलर को न्यूजीलैंड का नया कप्तान बनाया गया था। वह विश्व कप 2015 में फाइनल में पहुंचने वाली न्यूजीलैंड टीम का हिस्सा थे और यह उनके अंतर्राष्ट्रीय करियर का आखिरी मैच था। विटोरी 2014 से 2018 आईपीएल फ्रेंचाइज़ी रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के मुख्य कोच रहे हैं।
उन्हें हाल ही में आरसीबी द्वारा कोच पद से रिलीज़ किया गया है और उनकी जगह गैरी कर्स्टन को टीम का नया कोच घोषित किया गया है। विटोरी वर्तमान में अपने परिवार के साथ समय बिता रहे हैं।
#9. शाहिद अफरीदी (पाकिस्तान)
बूम बूम अफरीदी के उपनाम से जाने जाने वाले शाहिद अफरीदी विश्व कप 2011 में पाकिस्तानी टीम के कप्तान थे। उनकी कप्तानी में पाकिस्तानी टीम ने सेमीफइनल तक का सफर तय किया था। मोहाली में खेले गए सेमीफइनल में उन्हें भारतीय टीम के हाथों हार झेलनी पड़ी थी।
इस विश्व कप में भारत के ज़हीर खान के साथ शाहिद अफरीदी संयुक्त रूप से सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले (21 विकेट) खिलाड़ी थे।
शाहिद अफरीदी का क्रिकेट करियर हमेशा से ही विवादों में घिरा रहा है और वह कई बार क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद टीम में वापिस आये थे। लेकिन, आखिरकार उन्होंने 2017 में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया। उनका एक आलराउंडर के रूप में रिकार्ड बहुत प्रभावशाली रहा है, खासकर टी -20 प्रारूप में।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में काफी उतार-चढ़ाव देखने के बाद, वह वर्तमान में दुनिया भर में होने वाली टी-20 लीग्स का अहम हिस्सा हैं। वह पीएसएल में पेशावर ज़ालमी, सीपीएल में जमैका तैलवाह, बीपीएल में ढाका डायनामाइट्स का हिस्सा हैं और हाल ही में आईसीसी वर्ल्ड इलेवन का भी हिस्सा थे।
#10 ग्रीम स्मिथ (दक्षिण अफ्रीका)
ग्रीम स्मिथ दक्षिण अफ्रीका के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एक थे। एक कप्तान और बल्लेबाज दोनों के रूप में उनका उल्लेखनीय अंतरराष्ट्रीय करियर था, लेकिन उनके नेतृत्व में दक्षिण अफ्रीकी टीम कुछ खास नहीं कर पाई थी।
स्मिथ ने 2014 में अपनी खराब फॉर्म की वजह से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 9000 से अधिक रन बनाए हैं और दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज़ अपने अविश्वसनीय क्रिकेट शॉट्स, शांत स्वभाव और खेल के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते थे।
हालंकि अब वह दुनिया भर में होनी वाली टी-20 लीग्स में किसी भी टीम का हिस्सा नहीं है लेकिन आईपीएल और अन्य क्रिकेट टूर्नामेंटों में उन्हें एक कमेंटेटर के रूप में देखा जा सकता है।
वह दुनिया भर में हो रही क्रिकेट की घटनाओं पर अपने खास राय हैं और अपने देश में युवा बल्लेबाज़ों के लिए मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहे हैं।
# 11 विलियम पोर्टरफील्ड (आयरलैंड)
विलियम पोर्टरफील्ड के लिए विश्व कप 2011 बहुत अच्छा साबित हुआ था। विश्व कप में आयरलैंड के लिए सबसे सकारात्मक बात यह रही उन्होंने इस विश्व कप में इंग्लिश टीम को हराकर एक बड़ा उलटफेर किया था।
विलियम पोर्टरफील्ड के पास एक प्रभावशाली टूर्नामेंट था क्योंकि अपने 50 की मदद से वे नीदरलैंड के खिलाफ जीत हासिल करने में सक्षम थे। विलियम पोर्टरफील्ड ने आयरलैंड क्रिकेट को बढ़ाने में बहुत अहम भूमिका निभाई और अंडर-13 क्रिकेट से आयरिश टीम का हिस्सा रहे हैं।
उन्हें एसोसिएट और एफ्लीएट खिलाड़ी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। वह आयरलैंड में कई युवा बल्लेबाजों के लिए आइकन हैं। पोर्टरफील्ड ने खुद को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ सलामी बल्लेबाजों में से एक के रूप में स्थापित किया है। वर्तमान में पोर्टरफील्ड टेस्ट और एकदिवसीय क्रिकेट में आयरलैंड का नेतृत्व करते हैं।
इसके साथ ही पोर्टरफील्ड वार्विकशायर काउंटी क्रिकेट क्लब और नार्थ वेस्ट वारिअर्स के लिए भी खेल रहे हैं।
#12. कुमार संगकारा (श्रीलंका)
कुमार संगकारा इस सूची में शामिल एक और दिग्गज कप्तान हैं। उनके नेतृत्व में, श्रीलंका विश्व कप 2011 के फाइनल में पहुँचा था लेकिन दुर्भाग्य से वह भारतीय टीम से फाइनल में हारकर उपविजेता रहे थे।
बाएं हाथ के बल्लेबाज़ संगकारा का क्रिकेट करियर शानदार रहा है और उन्होंने आईसीसी वनडे और टी -20 प्लेयर ऑफ द ईयर अवार्ड्स भी जीते हैं।
विश्व कप 2011 के बाद वह श्रीलंका टीम की कप्तानी से हट गए थे। लेकिन 2014 में उन्होंने श्रीलंका को अपनी कप्तानी में टी-20 विश्व कप जिताया था और इसके बाद उन्होंने टी -20 क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी थी।उन्होंने उसी वर्ष एकदिवसीय क्रिकेट को भी अलविदा कहा और 2015 में भारत के खिलाफ अपना आखिरी टेस्ट खेला था।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद कुमार संगाकारा मुल्तान सुल्तांस (पीएसएल), ढाका डायनामाइट्स (बीपीएल), जमैका त्रेताह (सीपीएल), कंदुरता वारियर्स (एसपीएल) , होबार्ट हरिकेन्स (बीबीएल) और सरे क्रिकेट क्लब के लिए विकेटकीपर-बल्लेबाज़ के तौर पर खेलते हैं।
#13. रिकी पोंटिंग (ऑस्ट्रेलिया)
रिकी पोंटिंग एक महान क्रिकेटर हैं और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम को दुनिया की नंबर 1 टीम बनाने में उनकी बेहद अहम भूमिका रही है। वह 1999, 2003 और 2007 में लगातार तीन बार विश्व कप जीतने वाली ऑस्ट्रेलिआई टीम का हिस्सा थे और 2003 और 2007 में उन्होंने टीम को अपनी कप्तानी में विश्व विजेता बनाया था।
विश्व कप 2011 में क्वाटर-फाइनल में भारत से हारने के बाद महान ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ने टीम की कप्तानी छोड़ दी थी और 2013 में उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को को अलविदा कह दिया।
वह अब तक दुनिया के दूसरे सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। रिकी पोंटिंग ने आखिरी बार आईपीएल 2013 में मुंबई इंडियंस की तरफ से अपना अंतिम मैच खेला था।
वह 2015-16 में मुंबई इंडियंस और 2018 के बाद से दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल) के कोचिंग स्टाफ का हिस्सा रहे हैं। फिलहाल वह बीबीएल में एक कमेंटेटर की भूमिका निभा रहे हैं।
#14. एमएस धोनी (भारत)
विश्व कप 2011 के फाइनल में विजयी छक्का लगाकर भारत को 28 साल बाद विश्व विजेता बनाने कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की गिणती दुनिया के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में होती है।
इस विश्व कप के बाद, उन्होंने अपनी कप्तानी में भारत को 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी भी जितायी थी और इस तरह से वह भारत के सफलतम कप्तान बन गए। इससे पहले 2007 में उन्होंने अपनी कप्तानी में भारत को टी-20 विश्व कप भी जिताया था। माही के उपनाम से जाने धोनी ने 2014 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिए और बाद में 2017 में, उन्होंने कप्तानी भी छोड़ दी।
कप्तान के रूप में पद छोड़ने के बावजूद, एमएस धोनी भारतीय टीम का अभिन्न अंग बने हुए हैं। स्टंप के पीछे उनकी मुस्तैदी देखते ही बनती है।
धोनी वर्तमान में आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स टीम के कप्तान है और विश्व कप 2019 में वह भारतीय टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा होंगे।