वर्ल्ड कप 2019 के लिए अफगानिस्तान की 15 सदस्यीय टीम की घोषणा की जा चुकी है। इस टीम की कप्तानी का जिम्मा गुलबदीन नैब को दिया गया है। गौरतलब हो कि वर्ल्ड कप क्वालिफिकेशन सीरीज में राशिद खान ने अफगानिस्तान टीम का जिम्मा संभाला था जबकि इससे पहले टीम की कमान अशगर अफगान संभालते थे। राशिद खान और अशगर अफगान दोनों इस टीम का हिस्सा है। दोनों खिलाड़ी नए कप्तान की नियुक्ति को लेकर भी अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड पर सवाल खड़ा कर रहे हैं।
इस टीम में हामिद हसन की भी वापसी हुई है। उन्होंने अपना अंतिम एकदिवसीय क्रिकेट जुलाई 2016 में आयरलैंड के खिलाफ खेला था। इसके बाद चोटिल होने के कारण वे अब तक एकदिवसीय मैच नहीं खेल पाए थे। चौंकाने वाली बात यह है कि हामिद हसन ने 2017 से अब तक फर्स्ट क्लास क्रिकेट में भी हिस्सा नहीं लिया है, फिर भी उन्हें टीम में जगह मिली है। हामिद हसन के नाम एकदिवसीय क्रिकेट में 20 की औसत से 56 विकेट दर्ज है। वे वर्ल्ड कप 2015 में भी अफगानिस्तान टीम का हिस्सा थे जिसमें उन्होंने कुल 8 विकेट चटकाए थे।
टीम का विश्लेषण करें तो बल्लेबाजी विभाग में मोहम्मद शहज़ाद, अशगर अफगान, नजीबुल्लाह जादरान और रहमत शाह बल्लेबाजी विभाग संभालेंगे, जबकि राशिद खान और मोहम्मद नबी स्पिनर गेंदबाज होंगे जो बल्लेबाजी विभाग को भी सहारा देंगे जबकि मुजीब उर रहमान भी स्पिन विभाग में उन्हें मदद करेंगे। इसके अलावा तेज गेंदबाजी विभाग में दौलत जादरान, आफताब आलम और हामिद हसन मुख्य रूप से रहेंगे।
कुल मिलाकर टीम संतुलित दिख रही है लेकिन आज हम बात करेंगे 3 ऐसे खिलाड़ियों के बारे में जिन्हें वर्ल्ड कप 2019 के लिए अफगानिस्तान टीम में मौका मिलना चाहिए था।
#3. ज़ाहिर खान:
लेफ्ट आर्म चाइनामैन गेंदबाज ज़ाहिर खान ने अभी तक 1 एकदिवसीय मैच में हिस्सा लिया है और 2 विकेट चटकाए हैं लेकिन फिर भी ये वर्ल्ड कप टीम में जगह बनाने लायक थे। विश्व में लेफ्ट आर्म चाइनामैन गेंदबाज बहुत कम हैं जिस कारण बल्लेबाजों को उनकी तकनीक समझने में समय लगती है। ज़ाहिर भी कुलदीप यादव की तरह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना जलवा बिखेरने में सक्षम हैं। उन्होंने लिस्ट ए क्रिकेट में 10 मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 24.38 की औसत से 21 विकेट चटकाए हैं। वे लंकाशायर की तरफ से वाइटैलिटी ब्लास्ट टी20 सीरीज भी खेल चुके हैं जो इंग्लैंड की पिचों पर अपना जलवा बिखेर सकते थे।
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#2. जावेद अहमदी:
जावेद अहमदी पेशे से बैटिंग ऑलराउंडर हैं। वे दाएं हाथ से बल्लेबाजी और दाएं हाँथ से स्पिन गेंदबाजी करते हैं। वे पिछले कुछ समय से लगातार अफगानिस्तान टीम के नियमित हिस्सा हुआ करते थे और मध्यक्रम में बल्लेबाजी करते थे। वे किफायती गेंदबाजी भी करते थे। उन्होंने अफगानिस्तान की ओर से खेलते हुए एकदिवसीय फॉर्मेट में 40 मैचों की 39 पारियों में 24.9 की औसत से 971 रन बनाए हैं जिसमें 7 अर्धशतक शामिल हैं। उन्होंने 15 पारियों में गेंदबाजी भी की है जिसमें उन्होंने 36.75 की औसत से 8 विकेट चटकाए हैं। इस दौरान उनकी इकोनॉमी 4.83 की रही है।
जावेद अहमदी को टीम में शामिल करने से मध्यक्रम बल्लेबाजी में भी मजबूती प्रदान होती साथ ही टीम को अतिरिक्त गेंदबाजी का एक विकल्प भी मिल जाता। लेकिन मुख्य चयनकर्ता दौलत खान अहमदजाई ने क्या सोचकर उन्हें टीम में शामिल नहीं किया ये बात वो ही बता सकते हैं।
#1. शापूर जादरान:
शापूर जादरान बाएं हाथ से मध्यम गति की गेंद फेंकते हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 44 एकदिवसीय मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 36.95 की औसत से 43 विकेट हासिल किए हैं। शापूर जादरान 34 टी20 मैच भी खेल चुके हैं जिसमें उन्होंने 24.08 की औसत से 35 विकेट अपने नाम किए हैं। वे इंग्लैंड के तेज पिचों पर भी अच्छी गेंदबाजी कर सकते थे। शापूर जादरान हामिद हसन की जगह अच्छे साबित हो सकते थे क्योंकि हामिद हसन हाल ही में चोट से उबरे हैं साथ ही उन्होंने 2017 से अब तक किसी भी प्रकार का कोई मैच भी नहीं खेला है। जबकि 2016 से ही वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से गायब हैं।
शापूर जादरान किफायती गेंदबाजी भी करते हैं। उन्होंने एकदिवसीय क्रिकेट में 4.81 की इकोनॉमी से गेंदबाजी की है। उनका अनुभव अफगानिस्तान टीम को वर्ल्ड कप की ट्रॉफी दिलवाने में मदद कर सकता था लेकिन मुख्य चयनकर्ता ने इन्हें भी नजरअंदाज कर दिया।