आईसीसी वर्ल्ड कप के 28वें मैच में भारतीय टीम ने अफगानिस्तान को रोमांचक मैच में 11 रनों से हराकर अंक तालिका में तीसरा स्थान हासिल कर लिया। भारतीय टीम ने 50 ओवरों में सिर्फ 224/8 का स्कोर बनाया, लेकिन जवाब में अफगानिस्तान की टीम सिर्फ 213 रनों पर आउट हो गई। मोहम्मद शमी ने हैट्रिक लेकर भारत की जीत निश्चित कर दी। जसप्रीत बुमराह (2/39) को बेहतरीन गेंदबाजी के लिए मैन ऑफ़ द मैच चुना गया।
अफगानिस्तान की टीम ने भारत से मिले 225 रन के लक्ष्य का सधे हुए अंदाज में पीछा किया और बेहतरीन बल्लेबाजी का मुजायरा पेश किया। दूसरे विकेट के लिए उनके बल्लेबाज गुलबदीन नैब और रहमत शाह ने 44 रन जोड़े और ये काफी अहम् थे। अंत में मोहम्मद नबी ने एक शानदार अर्धशतक जड़ा लेकिन वे एक बड़ा उलटफेर कर टीम को जीत नहीं दिला पाए। भारतीय टीम के लिए मैच जीतना काफी मुश्किल रहा लेकिन वे इसे बचाने में कामयाब रहे। यहाँ भारतीय टीम की जीत के तीन बड़े और प्रमुख कारण हम आपको बता रहे हैं।
केदार जाधव का अर्धशतक
लगातार विकेट गिरने के सिलसिले के बीच भारत का स्कोर एक समय 4 विकेट के नुकसान पर 135 रन था। ऐसे समय में केदार जाधव ने अपनी जिम्मेदारी समझी। उन्होंने धोनी के अलावा अन्य बल्लेबाजों के साथ मिलकर स्कोरबोर्ड में रन जुटाते रहे। धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए उन्होंने 52 रन की एक अहम् पारी खेली। भारत के लिहाज से यह प्रमुख रही क्योंकि 224 रन के मामूली स्कोर में ये रन नहीं जुड़ते तो स्कोर और कम हो जाता।
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जसप्रीत बुमराह की गेंदबाजी
जसप्रीत बुमराह भारतीय गेंदबाजी की अहम कड़ी हैं, वे हमेशा टीम के लिए बेहतर करने का प्रयास करते हैं। इस बार भी उन्होंने वही किया। अपने दस ओवर के स्पैल में बुमराह ने सिर्फ 39 रन देकर 2 विकेट अपने नाम किया। इसमें उन्होंने एक मेडन ओवर भी डाला। इस गेंदबाजी के कारण उन्हें मैन ऑफ़ डी मैच भी दिया गया। अपने अंतिम ओवर में उन्होंने अफगानिस्तान को सिर्फ 5 रन खर्च किये। यही वजह रही कि अंतिम ओवर में अफगानिस्तान को जीत के लिए 16 रन जी जरूरत थी जो नहीं बने।
मोहम्मद शमी की हैट्रिक
भुवनेश्वर कुमार की अनुपस्थिति में मोहम्मद शमी ने बढ़िया गेंदबाजी की। इस वर्ल्ड कप में अपना पहला मैच खेल रहे शमी पूरी लय में दिखे। उनके स्पैल की खासियत अंतिम ओवर रहा। उन्होंने अर्धशतक बनाकर खेल रहे मोहम्मद नबी को कैच कराने के बाद अगली दो गेंदों पर दो बल्लेबाज आउट कर हैट्रिक ली। चेतन शर्मा के बाद भारत के लिए विश्वकप में ऐसा करने वाले दूसरे गेंदबाज शमी बने। उनकी यह गेंदबाजी टीम इंडिया की जीत में ख़ास रही।