2015 में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में खेले गए वर्ल्ड कप में इंग्लिश टीम को ग्रुप स्टेज से ही बाहर होना पड़ा था।यह वर्ल्ड कप 2003 के बाद से उनका सबसे खराब प्रदर्शन था।
हालांकि, इंग्लैंड ने तब से अपने खेल के स्तर को ऊंचा उठाया है और अब वह पहले की अपेक्षा और अधिक आक्रमक क्रिकेट खेल रहे हैं। इसी का नतीजा था कि इंग्लिश टीम ने 2016 के टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में प्रवेश किया।
उसके बाद से इंग्लैंड ने खेल के छोटे प्रारूपों को ज़्यादा अहमियत दी है जिसके चलते उन्होंने 2017 में एशेज सीरीज खेलने से मना कर दिया था। पिछले 2 सालों में वे ऑस्ट्रेलिया को दो बार एकदिवसीय श्रृंखला में हराने के अलावा, न्यूजीलैंड, भारत, श्रीलंका और वेस्ट इंडीज के खिलाफ एक साथ जीत हासिल करने में कामयाब रहे हैं।
तो इस बार इंग्लैंड टीम अपना पहला वर्ल्ड कप जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही है। यहां हम जानेंगे 3 ऐसे कारण जिससे मेजबान टीम अपना पहला ख़िताब हासिल कर सकती है :
#3. घरेलू परिस्थितियां
इंग्लैंड टीम के लिए सबसे बड़ा प्लस पॉइंट यह है कि उन्हें घरेलू परिस्थितियों का लाभ मिलेगा। वे घरेलू पिचों और मौसम के मिजाज़ से भली-भांति परिचित हैं। पिछले तीन सालों से एकदिवसीय प्रारूप में उन्होंने ज़बरदस्त प्रदर्शन किया है।
आँकड़ों की बात करें तो इंग्लैंड ने 2016 के बाद से घरेलू पिचों पर 32 एकदिवसीय मैचों में से 24 मैचों में जीत दर्ज की है, जबकि सिर्फ 4 में उसे हार का सामना करना पड़ा है, 1 मैच टाई हुआ और बाकी 3 का कोई परिणाम नहीं निकला।
पिछले दो वर्ल्ड कप टूर्नामेंटों में हमने देखा है कि इनमें मेज़बान टीम ने ही बाज़ी मारी है। वर्ल्ड कप का फाइनल इंग्लैंड के ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान में होगा, जहां इंग्लैंड ने पिछले तीन वर्षों में अपने सभी मैच जीते हैं।
तो ऐसे में मेज़बान टीम के उनका पहला वर्ल्ड कप जीतने की संभावना और भी बढ़ जाती है।
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#2. घरेलू प्रशंसक
इंग्लैंड को वर्ल्ड कप टूर्नामेंट की मेजबानी का एक और फायदा यह होगा कि उन्हें घरेलू प्रशंसकों का भरपूर समर्थन प्राप्त होगा। हमने पिछले दो वर्ल्ड कप टूर्नामेंटों में देखा है कि कैसे घरेलू प्रशंसकों का भरपूर समर्थन मिलने के बाद पहले भारत और फिर ऑस्ट्रेलिया ने ख़िताबी जीत दर्ज की है।
इस बार जब इंग्लैंड की टीम मैदान पर उतरेगी तो उनकी हौसला-अफजाई करने के लिए हजारों की संख्या में दर्शक स्टेडियम में मौजूद होंगे। इसके अलावा पिछले कुछ समय से इंग्लिश टीम का घरेलू पिचों पर प्रदर्शन भी जबरदस्त रहा है।
निश्चित रूप से, मेज़बान टीम अपनी घरेलू परिस्थितियों और घरेलू प्रशंसकों के समर्थन को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
अक्सर देखा गया है की भारी संख्या में घरेलू दर्शकों की स्टेडियम में मौजूदगी मेज़बान टीम के लिए एक टॉनिक का काम करती है। लेकिन कभी-कभार इससे उल्ट भी हो सकता है, मतलब कि भारी संख्या में घरेलू फैंस की मौजूदगी मेज़बान टीम पर दबाव भी बना सकती है। तो ऐसे में इंग्लैंड को पहली बार विश्व-विजेता बनने के लिए मानसिक रूप से भी मजबूत होना होगा।
#1. सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ी लाइन-अप
इस वर्ल्ड कप के लिए चुनी गई इंग्लिश टीम में एलेक्स हेल्स की गैरमौजूदगी में भी उनकी बैटिंग लाइन अप काफी जबरदस्त नज़र आती है। इंग्लैंड के पास इयोन मॉर्गन, जोस बटलर, जॉनी बेयरस्टो, जो रूट और जेसन रॉय जैसे बेहतरीन बल्लेबाज़ शामिल हैं।
इसके अलावा उनके पास मोइन अली और बेन स्टोक्स जैसे बेहतरीन आल-राउंडर भी हैं जो अपने दम पर किसी भी मैच का पासा पलटने का माद्दा रखते हैं।
वर्ल्ड कप में भाग लेने वाली बहुत कम टीमों के पास इतनी मजबूत बल्लेबाजी है और बहुत ही कम टीमें होती हैं जिनके बल्लेबाज़ निरंतर बेहतर प्रदर्शन करते हैं। बल्लेबाज़ी क्षमता के लिहाज़ से इंग्लैंड के बाद भारतीय टीम का नंबर आता है।
शिखर धवन और रोहित शर्मा की शानदार सलामी बल्लेबाज जोड़ी के अलावा टीम के पास विराट कोहली और एमएस धोनी जैसे दिग्गज खिलाड़ी भी शामिल हैं। हाल के वर्षों में इंग्लैंड की पिचें बल्लेबाजों के लिए मुफीद मानी जाती रही हैं तो इस स्थिति में जो भी टीम शानदार बल्लेबाजी करेगी, उसके जीतने की संभावना और बढ़ जाएगी। तो ऐसे में इंग्लिश टीम इस बार वर्ल्ड कप जीतने की प्रबल दावेदार होगी।
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