इंग्लैंड के बाद भारतीय टीम आईसीसी वनडे रैंकिंग में दूसरे स्थान पर काबिज है। मेजबान इंग्लैंड के अलावा भारतीय टीम भी वर्ल्ड कप 2019 टूर्नामेंट जीतने की प्रबल दावेदार है। वर्ल्ड कप 2015 में भारतीय टीम 6 लगातार मैचों में जीत हासिल करके सेमीफाइनल में पहुँची थी जहां उसे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। ऑस्ट्रेलिया ने उस साल के वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया था। भारतीय टीम 2 बार वर्ल्ड कप का खिताब जीत चुकी है। पहला 1983 में, जब उन्होंने वेस्टइंडीज को हराया था और दूसरा 2011 में, जब उन्होंने श्रीलंका को हराया था।
पिछले वर्ल्ड कप में भारतीय टीम की ओर हिस्सा ले चुके 7 खिलाड़ी इस सीजन भी भारतीय टीम का हिस्सा हैं। वे 7 खिलाड़ी हैं- रोहित शर्मा, शिखर धवन, विराट कोहली, एमएस धोनी, भुवनेश्वर कुमार, रविन्द्र जडेजा, मोहम्मद शमी। पिछले वर्ल्ड कप में एमएस धोनी ने कप्तानी की थी जबकि इस वर्ल्ड कप में विराट कोहली के हाथ में यह जिम्मेदारी है।
चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के शुरुआत से लेकर अब तक भारतीय टीम कुल 59 वनडे मैच खेल चुकी है जिसमें उन्हें 45 मैचों में जीत और 11 मैचों में हार का सामना करना पड़ा है जबकि एक मैच टाई और 2 मैच बाधित रहे हैं।
आज हम आपको 3 ऐसे कारण बताने जा रहे हैं जिसको देखकर लगता है कि भारतीय टीम इस साल वर्ल्ड कप हार सकती है।
#3. उम्रदराज खिलाड़ियों पर निर्भरता:
भारतीय टीम ने जब 2015 का वर्ल्ड कप खेला था तब स्टुअर्ट बिन्नी और एमएस धोनी के अलावा अन्य सभी खिलाड़ी 30 साल से कम उम्र के थे। लेकिन इस सीजन भारतीय टीम में कई खिलाड़ी 30 वर्ष की उम्र से अधिक हैं। विराट कोहली और रविन्द्र जडेजा को छोड़ दें तो एमएस धोनी, रोहित शर्मा, शिखर धवन, दिनेश कार्तिक, केदार जाधव, मोहम्मद शमी और भुवनेश्वर कुमार जैसे खिलाड़ियों का यह अंतिम वर्ल्ड कप हो सकता है। ये सभी खिलाड़ी इस समय भारतीय टीम का अभिन्न अंग हैं। इंग्लैंड की तेज पिचों पर शानदार प्रदर्शन करना इनके लिए बड़ी चुनौती होगी।
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#2. इंग्लैंड की सरजमीं पर पिछले कुछ सालों में खराब परिणाम:
भारतीय टीम वर्ल्ड कप 2015 के बाद से इंग्लैंड का 2 बार दौरा कर चुकी है। पहली बार साल 2017 में जब उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी खेली थी और दूसरी बार साल 2018 में इंग्लैंड के साथ द्विपक्षीय सीरीज खेली थी। लेकिन दोनों ही सीरीजों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
वर्ल्ड कप 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम को लीग मैचों में श्रीलंका के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। इस मैच में भारतीय टीम ने 322 रनों का लक्ष्य दिया था। जबकि फाइनल मुकाबले में भी उसे पाकिस्तान के खिलाफ बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा था।
भारतीय टीम जब पिछले साल इंग्लैंड के दौरे पर द्विपक्षीय सीरीज खेलने गई थी तो वहां पर भी उसे टेस्ट और वनडे सीरीज में हार का सामना करना पड़ा था। इस स्थिति को देखकर हम अंदाजा लगा सकते हैं कि भारतीय टीम के लिए इंग्लैंड की पिच पर इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड जैसे टीमों से भिड़ना आसान नहीं होगा।
#1. वर्तमान में खिलाड़ियों का खराब फॉर्म:
आईपीएल से पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू मैदान पर भारतीय टीम को 2-3 से हार का सामना करना पड़ा था। भारतीय टीम ने 2015 के बाद से घरेलू मैदान पर किसी सीरीज में हार का सामना नहीं करना पड़ा था लेकिन ऑस्ट्रेलिया टीम ने अंतिम 3 मैचों में लगातार भारत को हराकर सीरीज जीत ली थी। ऑस्ट्रेलिया ने 2 साल बाद कोई सीरीज जीती। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया टीम फॉर्म में वापिस आती दिखी और उन्होंनेने यूएई में पाकिस्तान को भी 5-0 से हराया।
भारतीय टीम जब न्यूजीलैंड दौरे पर भी गई थी तो तीन मैचों के बाद विराट कोहली को आराम दिया गया था जिसके बाद भारतीय टीम की स्थिति खराब हो गई थी और उन्हें दो कम स्कोर वाले मैचों में हार का सामना करना पड़ा था। एक मैच में अंबाती रायडू ने शानदार प्रदर्शन करके भारतीय टीम को जीत दिलाई थी लेकिन वे भी वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा नहीं है। भारतीय टीम के लिए नॉकआउट मैचों में जीत हासिल करना सबसे बड़ी चुनौती होगी।