भारतीय क्रिकेट प्रशंसक जिस घड़ी का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे, आखिर वो घड़ी आ गयी। आज भारतीय चयन समिति ने इंग्लैंड और वेल्स में होने वाले वर्ल्ड कप 2019 के लिए भारत की 15 सदस्यीय टीम की घोषणा कर दी।
इन चुनिंदा 15 खिलाड़ियों की सूची में कुछ ऐसे नाम भी हैं जिनका विश्व कप टीम में चुना जाना शायद काफी लोगों के लिए चौंकाने वाला रहा। ऋषभ पंत और अंबाती रायडू को इस सूची में जगह ना मिलना भी काफी लोगों के लिए चौंकाने वाला था। अभी कुछ महीनों पहले ही रायडू भारत की विश्व कप टीम में नंबर 4 पर बल्लेबाज़ी करने के एकदम उपयुक्त विकल्प माने जाते थे लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज़ में लचर प्रदर्शन के बाद उनका विश्व कप खेलने का सपना, सपना ही रह गया।
लेकिन इस 15 सदस्यीय भारतीय क्रिकेट टीम में विजय शंकर को स्थान मिलना सबसे बड़ा हाईलाइट था। तमिलनाडु के युवा ऑलराउंडर विजय शंकर ने बहुत कम समय में ही राष्ट्रीय चयनकर्ताओं को अपने प्रदर्शन से प्रभावित कर विश्व कप का टिकट कटा लिया। उन्हें हार्दिक पांड्या और रविंद्र जडेजा के साथ तीसरे ऑलराउंडर के रूप में टीम में चुना गया है। शंकर ने पिछले 3-4 महीनों में गेंद और बल्ले के साथ अपने ज़बरदस्त प्रदर्शन से सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है।
अब देखना यह है कि वह आगामी विश्व कप में कैसा प्रदर्शन करते हैं। यहां हम जानेंगे तीन ऐसे कारण जिनकी वजह से उन्होंने 15 सदस्यीय टीम में जगह बनाई:
1) बहुमुखी प्रतिभा के धनी
पिछले काफी समय से भारतीय टीम प्रबंधन नंबर 4 पर किसी ऐसे खिलाड़ी की तलाश में था जो मध्य और अंतिम ओवरों में तेज़ी से रन बना सके और गेंद के साथ भी उपयोगी योगदान दे सके।
पिछले कुछ महीनों में विजय शंकर भारतीय टीम के शीर्ष ऑलराउंडरों में से एक बनकर उभरे हैं। उनको 15 सदस्यीय टीम का हिस्सा बनाने का मतलब है कि टीम प्रबंधन उनकी बहुमुखी प्रतिभा का पूरा लाभ लेना चाहेगा। इसमें किसी को हैरत नहीं होनी चाहिए अगर उन्हें विश्व कप में केएल राहुल पर तरजीह दी जाये। अपने क्रिकेटिंग कौशल की वजह से वह सही मायनों में टीम इंडिया के ट्रम्प कार्ड साबित हो सकते हैं।
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2) नंबर 4 का हल
जैसे कि अटकलें लगाई जा रहीं थीं, अम्बाती रायडू को भारत की विश्व कप टीम में जगह नहीं मिली। हालाँकि, इससे पहले भारतीय टीम के मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने पहले ही यह साफ़ कर दिया था कि खिलाड़ियों का चयन उनके आईपीएल प्रदर्शन के आधार पर नहीं होगा।
चूँकि, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू वनडे सीरीज़ में रायडू फ्लॉप रहे थे, इसलिए विश्व कप टीम से उनका पत्ता कट गया। एमएसके प्रसाद का मानना है कि शंकर टीम को संतुलन प्रदान करने के लिए बहुत अहम हैं और उनमें दवाब में भी अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता है।
तो इस तरह से रायडू की खराब फॉर्म तमिलनाडु के इस आलराउंडर के लिए वरदान साबित हुई। शंकर ने इसी साल जनवरी में भारतीय टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था और वनडे क्रिकेट में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज़ किया था।
सबसे खास बात यह है कि ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के खिलाफ नंबर 4 पर बल्लेबाज़ी करते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण पारियाँ खेली हैं। तो इस तरह से नंबर 4 के स्लॉट पर भारतीय टीम को एक उत्कृष्ट बल्लेबाज़ मिल गया है।
3) छठे गेंदबाजी विकल्प
इंग्लैंड की तेज़ पिचों पर मध्यम और तेज़ गति के गेंदबाज़ों को उछाल और स्विंग मिलती है जिसका वे भरपूर फायदा उठा सकते हैं। विजय शंकर मध्य ओवरों में अपनी सीम से बल्लेबाज़ों को परेशान कर सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे और टी-20 सीरीज़ में उन्होंने काफी प्रभावशाली गेंदबाज़ी की थी।
उन्होंने अब तक भारत के लिए 9 वनडे खेले हैं और 33.00 की औसत से 165 रन बनाए हैं जबकि गेंदबाज़ी की बात करें तो उन्होंने 5. 62 की इकोनॉमी रेट के साथ 2 विकेट हासिल किये हैं। हालाँकि, यह प्रदर्शन कुछ खास तो नहीं लगता लेकिन एक छठे गेंदबाज़ के तौर पर यह आंकड़े काफी बेहतर हैं।
यदि भारतीय टीम 3 पेसर्स और एक स्पिनर के साथ उतरती है तो हार्दिक पांड्या 5 वें गेंदबाज़ की भूमिका निभाएंगे लेकिन हमने देखा है कि मध्य-ओवरों में वह काफी महंगे साबित होते हैं तो ऐसी स्थिति में शंकर की अहमियत और भी बढ़ जाती है।